उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि दूसरे राज्यों से रोजगार छोड़कर अपने घर आए करीब 13 लाख प्रवासी श्रमिकों को योजना के तहत काम मिला है। भीलवाड़ा जिले में सर्वाधिक 4.11 लाख से अधिक श्रमिक नियोजित है। इसी प्रकार डूंगरपुर जिले में 3.55 लाख, बांसवाड़ा जिले में 3.50 लाख तथा अजमेर जिले में 2.67 लाख से अधिक श्रमिकों को योजना के तहत रोजगार मिला है।
पिछले साल से ज्यादा श्रमिक नियोजन प्रदेश में 8 जून तक 50.20 लाख लोग मनरेगा में काम कर रहे हैं, जो बीते साल 17 लाख से ज्यादा है। बीते साल प्रदेश में 32 लाख 98 हजार 638 नरेगा कर्मी कार्यरत थे। यह संख्या प्रवासी श्रमिकों को रोजगार मिलने के बाद बढ़ी है। ज्यादातर मजदूर या श्रमिक जो वापस लौटकर मनरेगा में काम कर रहे हैं। उनके जॉब कार्ड पहले से बने हुए थे, लेकिन जिनके जॉब कार्ड नहीं बने थे। उसके लिए भी काम जारी है और अब तक प्रदेश में एक लाख 7 हजार नए जॉब कार्ड बने हैं, जिनमें से 80 हजार जॉब कार्ड तो पिछले 1 महीने में ही जारी हुए हैं। खुद उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी नरेगा योजना कार्यस्थल का दौरा किया था और अधिकारियों को कोरोना वायरस के चलते सोश्यल डिस्टेंसिंग की पालना के निर्देश दिए थे।