script12 गांवों की नहीं लिखी विकास की इबारत! | 12 villages included in UIT did not develop in jaisalmer | Patrika News

12 गांवों की नहीं लिखी विकास की इबारत!

locationजैसलमेरPublished: Oct 06, 2019 06:06:33 pm

Submitted by:

Deepak Vyas

जैसलमेर शहर के समीप बसे गांवों को यूआइटी में शामिल तो कर लिया, लेकिन यहां विकास की इबारत आज तक नहीं लिखी जा सकी हैै। हकीकत यह है कि विकास को लेकर इन गांवों के बाशिंदों ने जो सपने देखे थे, वे अभी तक पूरे नहीं हो पाए हैं।

12 villages included in UIT did not develop in jaisalmer

12 गांवों की नहीं लिखी विकास की इबारत!

जैसलमेर. जैसलमेर शहर के समीप बसे गांवों को यूआइटी में शामिल तो कर लिया, लेकिन यहां विकास की इबारत आज तक नहीं लिखी जा सकी हैै। हकीकत यह है कि विकास को लेकर इन गांवों के बाशिंदों ने जो सपने देखे थे, वे अभी तक पूरे नहीं हो पाए हैं। हकीकत यह है कि यहां के बाशिंदों को आधारभूत सुविधाओं के लिए जूझना पड़ा है। इन गांवों के विकास को लेकर जो उम्मीद आरंभ में लगाई गई थी, उन उम्मीदों को अब तक पंख नहीं लग पाए हैं। इन सबके बीच इन गांवों की खाली पड़ी जमीनों पर अतिक्रमणों की बाढ़ सी आ गई है। यहां अवैध निर्माण लगातार हो रहे हैं। विगत कुछ समय में जिला प्रशासन ने हटाने की कार्रवाई की, लेकिन इस प्रवृत्ति पर अंकुश नहीं लग पाया है। गौरतलब है कि गत एक दर्जन गांवों का शहरों की तर्ज पर सुनियोजित विकास का सपना जिस मास्टर प्लान में देखा और आम जनता को दिखाया गया, उसकी राह अभी तक पूरी तरह प्रशस्त भी नहीं हो पाई है। गौरतलब है कि जैसलमेर के वर्ष 2031 के मास्टर प्लान में जैसलमेर के चारों तरफ आबाद १२ गांवों अमरसागर, मूलसागर, जियाई, बड़ाबाग, किसनघाट, हमीरा, थईयात, मोकलात, दरबारी का गांव, सडिय़ा, सोरों की ढाणी और जैसलमेर नगर में आई राजस्व जमीनों को यूआईटी को सौंपने का निर्णय लिया गया। मास्टर प्लान के अनुसार उपरोक्त 12 गांवों को यूआइटी में समाहित करने के बाद गांवों के विकास को सुनिश्चित किए जाने की योजना थी।
फैक्ट फाइल-
-12 गांवों को शामिल किया गया है यूआइटी के अधीनस्थ शामिल
-2031 वर्ष के मास्टर प्लान में लिया गया था निर्णय
-2 यूआइटी अध्यक्ष बन चुके है अब तक जैसलमेर में

नहीं हुआ नियोजित विकास
यूआइटी के पूर्व अध्यक्ष उम्मेदसिंह तंवर बताते हैं कि गत पांच वर्षों में जैसलमेर यूआईटी को कोई महत्व नहीं दिया गया। उनके अनुसारहकीकत यह है कि जैसलमेर के नियोजित विकास के लिए बनाए गए मास्टर प्लान के क्रियान्वयन की अहम जिम्मेदारी यूआईटी पर है, लेकिन जिम्मेदारों की उदासीनता के कारण इस ओर ध्यान ही नहीं दिया गया।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो