15 हजार की भीड़, 700 प्रतिष्ठान और अग्निशमन के प्रबंध शून्य ! फिर भी नहीं चेत रहे जिम्मेदार
- रामदेवरा में आए दिन हो रही आग की घटनाएं, फिर भी नहीं चेत रहे जिम्मेदार
-अग्निकांड लील रहा खून-पसीने की गाढ़ी कमाई व रोजगार

दीपक सोनी/ज्योति सिन्हा@ पोकरण/रामदेवरा. धार्मिक नगरी, सांसद के गोद लिए आदर्श गांव और पश्चिमी राजस्थान का तीर्थ जैसी उपमाओं से नवाजे गए रामदेवरा क्षेत्र में आग बुझाने के कोई माकूल प्रबंध जिम्मेदारों ने नहीं किए हैं। आग लगने की स्थिति में सब बेबस हो जाते हैं। वर्षों से अभी तक इस ओर ध्यान नहीं गया है। गौरतलब है कि रामदेवरा में प्रतिदिन सैंकड़ों श्रद्धालुओं की आवक होती हैं। यहां 200 से अधिक होटलें व धर्मशालाएं, 500 से अधिक दुकानें, आठ हजार की आबादी के गांव में प्रतिदिन रहती है। यहां आपात स्थिति में आग लगने की घटना होने पर उस काबू करने के लिए कोई इंतजाम नहीं। ऐसे में आग की बड़ी घटनाओं के दौरान दमकल की कमी खलती है, लेकिन प्रशासन व सरकार की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। गौरतलब है कि रामदेवरा में आए दिन आग की घटनाएं होती रहती है। गत दिनों में गांव में दुकानों में लगी आग गत तीन वर्षों में तीसरी बड़ी घटना हैै। इस दौरान दमकल का नहीं होना दुकानदारों के लिए नुकसानदेह रहा। रामदेवरा छोटा सा गांव है। यहां आठ हजार की आबादी है, लेकिन लोकदेवता बाबा रामदेव का मंदिर होने के कारण यहां प्रतिदिन सैंकड़ों श्रद्धालु बाबा रामदेव की समाधि के दर्शनों के लिए यहां आते है। ऐसे में आठ हजार की आबादी के इस गांव में हर समय 15 से 20 हजार लोगों की भीड़ रहती है। मेला चौक, पोकरण रोड, रेलवे स्टेशन रोड, करणी द्वार, नोखा चौराहा जाने वाले मार्ग पर 500 से अधिक दुकानें स्थित है। ऐसे में यहां हर समय भीड़ भाड़ लगी रहती है।
पथरा गई आंखे...
रामदेवरा में गत तीन वर्षों में आग की तीन बड़ी घटनाएं हो चुकी है। ग्रामीणों की ओर से लगातार गांव में दमकल की व्यवस्था करने की मांग की जा रही है। हालांकि बाबा रामदेव के ***** मेले के दौरान जैसलमेर व पोकरण से दमकल वाहन की रामदेवरा में व्यवस्था की जाती है। मेला संपन्न होने के बाद दमकल वाहन अपनी-अपनी जगह चले जाते है तथा अन्य दिनों में आग पर काबू करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में आग की घटना होने पर पोकरण व अन्य स्थानों से दमकल के आने का इंतजार करना पड़ता है। जब तक दमकल पहुंचती है, तब तक खासा नुकसान हो चुका होता है।
फैक्ट फाइल:-
- 15 हजार से अधिक श्रद्धालुओं की रहती है हर दिन रहती है भीड़
- 300 से अधिक होटलें व धर्मशालाएं संचालित हो रहे रामदेवरा में
- 500 से अधिक दुकानें संचालित हो रही है वर्तमान में
- 3 अग्निकांड में हो चुका है करोड़ों का नुकसान विगत तीन वर्षों में
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