मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के बाद टाउन हॉल के बकाया कार्य के साथ इसमें कई नए आयाम भी जोड़े गए। जिसके तहत यहां 800 लोगों के एक साथ बैठने की व्यवस्था ही नहीं होगी बल्कि आर्ट गैलेरी, एमपी थिएटर, लैंड स्केपिंग, एक दर्जन आधुनिक सुविधाओं से युक्त कमरे भी तैयार करवाए जाएंगे। इन सब कार्यों के लिए तकनीकी और वित्तीय स्वीकृति जारी करने के साथ निविदा प्रक्रिया भी करवाई जा चुकी है लेकिन पूर्व काम के ठेकेदार ने अपने बकाया भुगतान के लिए दावा ठोंक दिया। जानकारी के अनुसार वह यह मामला न्यायालय में भी ले गए। अब स्थिति यह है कि स्वायत्त शासन विभाग स्वीकृति पत्र जारी कर दे तो नगरपरिषद पुराने ठेकेदार का एक करोड़ रुपए से कुछ अधिक का बकाया भुगतान चुकता कर आगे बढ़े। यहां यह गौरतलब है कि शुरुआत में टाउन हॉल 13 करोड़ की लागत से बनने की बात थी लेकिन अतिरिक्त काम करवाए जाने पर इसकी लागत 22 करोड़ से भी ज्यादा हो गई। बाद में इस कार्य की विभाग ने अन्य विभाग के इंजीनियर्स से जांच भी करवाई। निर्माण कार्य में अनियमितताओं का मुद्दा भी उठा। कुल मिलाकर टाउन हॉल का कार्य लगातार बाधित होता रहा है।
– इमारत का शिलान्यास तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से एसबीआइ चौराहा के पास जहां वर्तमान में मंगलसिंह पार्क है, वहां करवा भी दिया गया।
-पुरातत्व विभाग ने सोनार दुर्ग के समीप होने वाले इस कार्य पर एतराज जताया तो इसका स्थान बदलकर डेडानसर मैदान कर दिया गया।
– इसी दौरान हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा विजयी रही और वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री बनी।
– पांच साल तक वह सरकार भी चली और फिर राज्य में कांग्रेस सरकार का कार्यकाल साढ़े तीन साल का हो गया है।
– यह कार्य अब भी अपने पूरे होने का इंतजार ही कर रहा है।
– 2013 में शुरू हुआ था टाउन हॉल का निर्माण
– 16 करोड़ की राशि सरकार ने मंजूर की
– 09 साल बाद भी कार्य अब तक अपूर्ण मंजूरी मिलते ही काम शुरू होगा
डेडानसर मैदान पर टाउन हॉल के शेष कार्य को करवाने के लिए तत्परता से कार्रवाई की गई है। राज्य सरकार से इसकी स्वीकृति मिलते ही काम शुरू करवाया जाएगा।
– हरिवल्लभ कल्ला, सभापति, नगरपरिषद जैसलमेर