डॉक्टरों की उपस्थिति का यह गणित
जानकारी के अनुसार जिले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के अधीन आने वाले चिकित्सा केंद्रों में 80 चिकित्सक पदस्थापित हैं। इनमें से 61 हड़ताल पर है, 11 काम कर रहे हैं तो अन्य 8 जने अवकाश पर चल रहे हैं। जबकि जवाहर चिकित्सालय में पदस्थापित 25 में से 17 डॉक्टर हड़ताल में शामिल हैं। पीएमओ और दुग्गड़ दंपती के अलावा 2 दंत चिकित्सक भी ड्यूटी पर हैं। शेष 3 चिकित्सक छुट्टी पर गए हुए हैं। विभाग की ओर से की गई वैकल्पिक व्यवस्था के अंतर्गत आयुर्वेद विभाग तथा राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत कार्यरत चिकित्सक अपनी सेवाएं इन दिनों विभिन्न जगहों पर दे रहे हैं।
जवाहर चिकित्सालय में अधिकांश चिकित्सकों के हड़ताल में शामिल होने से मरीजों को भर्ती कर उनका उपचार करने की व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। लिहाजा, ऐसे मरीजों को बाहर भेजा जा रहा है। वहीं पैथोलॉजिस्ट के भी नदारद होने से लेब में की जाने वाली जांचें प्रभावित हुई हैं। वहीं चिकित्सकों की कमी के कारण ज्यादा मरीज जांच के लिए पहुंच भी नहीं रहे हैं।
गर्भवती महिलाओं को राहत
एक तरफ जिले भर के सरकारी चिकित्सा ढांचे में डॉक्टरों की हड़ताल से बुरा असर पड़ा है, वहीं जिला अस्पताल परिसर में गर्भवती व प्रसूताओं को एमसीएच यूनिट में डॉ. उषा दुग्गड़ के काम करने से चिकित्सकीय सेवाएं मिल रही हैं। इस यूनिट में महिलाओं को भर्ती भी किया जा रहा है। हालांकि शिशुरोग विशेषज्ञ के उपलब्ध नहीं होने से परेशानियां आ रही हैं। सोमवार को यूनिट का जायजा लेने पर वहां पहुंची महिलाओं को सुचारू उपचार उपलब्ध होता नजर आया।
एक तरफ जिले भर के सरकारी चिकित्सा ढांचे में डॉक्टरों की हड़ताल से बुरा असर पड़ा है, वहीं जिला अस्पताल परिसर में गर्भवती व प्रसूताओं को एमसीएच यूनिट में डॉ. उषा दुग्गड़ के काम करने से चिकित्सकीय सेवाएं मिल रही हैं। इस यूनिट में महिलाओं को भर्ती भी किया जा रहा है। हालांकि शिशुरोग विशेषज्ञ के उपलब्ध नहीं होने से परेशानियां आ रही हैं। सोमवार को यूनिट का जायजा लेने पर वहां पहुंची महिलाओं को सुचारू उपचार उपलब्ध होता नजर आया।
फैक्ट फाइल –
-01 सरकारी अस्पताल जिले में
-08 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र
-24 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र
-169 उप स्वास्थ्य केन्द्र नियंत्रण में व्यवस्थाएं
सीमावर्ती जिले में अधिकांश चिकित्सकों की हड़ताल पर गए होने के बावजूद व्यवस्थाओं को नियंत्रित ढंग से संचालित किया जा रहा है।जैसलमेर, पोकरण, मोहनगढ़ आदि में चिकित्सकों की वैकल्पिक व्यवस्था की गई है तो गांवों में अनुभवी पैरामेडिकल स्टाफ अपनी सेवाएं दे रहा है।
-डॉ. एनआर नायक, सीएमएचओ, जैसलमेर
-01 सरकारी अस्पताल जिले में
-08 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र
-24 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र
-169 उप स्वास्थ्य केन्द्र नियंत्रण में व्यवस्थाएं
सीमावर्ती जिले में अधिकांश चिकित्सकों की हड़ताल पर गए होने के बावजूद व्यवस्थाओं को नियंत्रित ढंग से संचालित किया जा रहा है।जैसलमेर, पोकरण, मोहनगढ़ आदि में चिकित्सकों की वैकल्पिक व्यवस्था की गई है तो गांवों में अनुभवी पैरामेडिकल स्टाफ अपनी सेवाएं दे रहा है।
-डॉ. एनआर नायक, सीएमएचओ, जैसलमेर
पोकरण. प्रदेश भर में चिकित्सकों की हड़ताल के अंतर्गत स्थानीय राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सकों की हड़ताल सोमवार को दूसरे दिन भी जारी रही। गौरतलब है कि सेवारत चिकित्सक संघ के आह्वान पर प्रदेश भर में चिकित्सकों की ओर से हड़ताल की जा रही है। इसी के अंतर्गत स्थानीय राजकीय अस्पताल के चिकित्सकों ने भी हड़ताल का समर्थन करते हुए सामूहिक अवकाश ले लिया। स्थानीय राजकीय अस्पताल में 15 चिकित्सक कार्यरत है। जिसमें से 14 चिकित्सकों ने सोमवार को दूसरे दिन भी कार्य का बहिष्कार करते हुए हड़ताल रखी। चिकित्सालय प्रभारी डॉ.रघुवीरसिंह तंवर सहित तीन आयुष चिकित्सकों ने यहां आए मरीजों का उपचार किया। चिकित्सकों की हड़ताल के चलते मरीजों को परेशानी हुई।
चिकित्सकों की हड़ताल के चलते एक तरफ अस्पताल में चिकित्सक नहीं है, दूसरी तरफ मरीजों के चिकित्सकों के घरों पर उपचार के लिए पहुंचने के दौरान यहां भी ताले लटके नजर आ रहे है। ऐसे में उन्हें उपचार को लेकर खासी परेशानी हो रही है। गौरतलब है कि राज्य सरकार की ओर से रेशमा लगा दिए जाने व चिकित्सकों को अस्पताल में नहीं आने पर उन्हें गिरफ्तार करने के आदेश के चलते चिकित्सक अपने निजी व सरकारी आवासों पर भी नहीं है तथा सभी चिकित्सक भूमिगत हो गए है।
रामदेवरा. चिकित्सकों की ओर से हड़ताल कर दिए जाने से मरीजों को परेशानी हो रही है। गांव में स्थित राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में दो चिकित्सक कार्यरत है। जिसमें से एक चिकित्सक गत कुछ दिनों से अवकाश पर है। जबकि दूसरे चिकित्सक ने हड़ताल का समर्थन करते हुए कार्य का बहिष्कार कर दिया। जिससे चिकित्सा व्यवस्था लडखड़़ा गई। यहां आए मरीजों को परेशानी हुई। (नि.सं.)
नाचना. स्थानीय राजकीय अस्पताल में कार्यरत तीन चिकित्सकों की ओर से हड़ताल पर चले जाने के कारण मरीजों को परेशानी हुई। गौरतलब है कि प्रदेशभर में चिकित्सकों की ओर से हड़ताल की जा रही है। इसी के अंतर्गत स्थानीय अस्पताल में कार्यरत तीन चिकित्सकों ने भी कार्य का बहिष्कार करते हुए हड़ताल का समर्थन किया। इन दिनों बदलते मौसम के कारण अस्पताल में मरीजों की भीड़ उमड़ रही है। ऐसे में चिकित्सकों के अभाव में मरीजों को परेशानी हुई। मरीजों को मजबूरन कंपाउडर से उपचार करवाना पड़ा।