जैसलमेर वृत्त में कुल 140 हिस्ट्रीशीटर
जैसलमेर थाना- 18
झिनझिनयाली- 17
खुहड़ी- 13
रामगढ़- 22
सदर जैसलमेर- 38
सम – 12
सांगड़- 19
शाहगढ़- 1
नाचना वृत्त में कुल 38 हिस्ट्रीशीटर
मोहनगढ़- 18
नाचना- 16
नोख- 4
पोकरण वृत्त में कुल 69 हिस्ट्रीशीटर्स
भणियाणा – 11
लाठी- 9
फलसूंड – 21
पोकरण – 7
रामदेवरा – 2
सांकड़ा -19
यह है हकीकत
सरहदी जिले में विगत दिनों में आए मामलों से यह साबित हो रहा है कि गंभीर अपराधों को अंजाम देने वाले आरोपी बार-बार अपराध कर रहे हैं, जबकि हिस्ट्रीशीट खोलने के बाद ऐसे अपराधियों पर नजर रखने की जिम्मेदारी भी पुलिस की होती है। इस संबंध में पुलिस महकमे में उच्च स्तर से फरमान भी जारी होते है, लेकिन धरातल पर पालना नहीं होती है।
एक्सपर्ट व्यू: हिस्ट्रीशीट खोलने के बाद निगरानी जरूरी
अधिवक्ता अरविंद गोपा बताते हैं कि जब एक व्यक्ति एक से अधिक आपराधिक मामलों में दोषी साबित हो गया है, या फिर बार-बार आपराधिक गतिविधियों में संदिग्ध पाया जाता है, तब एसएचओ की ओर से एसपी को रिपोर्ट भेजी जाती है। इसके बाद आदेशानुसार संबंधित अपराधी की हिस्ट्रीशीट खोली जाती है। आदतन अपराधियों की हिस्ट्रीशीट खोलकर उन पर नजर रखने का भी प्रावधान है। हिस्ट्रीशीट को थाने में समयबद हाजरी लगानी होती है, ऐसा नहीं करने पर पुलिस उसकी जांच कर उसके घर तक जा सकती है। हिस्ट्रीशीट दो श्रेणियों में होते है। क्लास ए में कम कठोर अपराधी व क्लास बी में पेशेवर अपराधी शामिल किए जा सकते हंै। समाज हित में हिस्ट्रीशीटर्स पर नियंत्रण रखकर अपराध पर रोकथाम लाने की जरूरत महसूस की जाती है।