ये कैमरे इंटरनेट के जरिए संचालित होंगे। इसके लिए पूरे नेटवर्क के लिए अलग से ऑप्टिकल फइबर केबल बिछाने तथा बिजली का कनेक्षन करने की कार्रवाई भी प्रगति पर है।प्रत्येक खंभे पर लगने वाले कैमरे दो किस्म के आरएफ और बुलेट कैमरे होंगे। बुलेट कैमरे नाइट विजन होते हैं। जो रात के समय भी प्रभावी होंगे। इन कैमरों की गुणवत्ता बेहतरीन होने का दावा किया जा रहा है। जैसलमेर में अलग-अलग कंपनियां इस कार्य को अंजाम देने में जुटी हैं।जिन्हें राज्य स्तर से कार्यादेष जारी किया गया है।
यहां से रखी जाएगी पूरे शहर पर नजर
पूर्व में जहां पुलिस अधीक्षक कक्ष था, वर्तमान में महिला पुलिस थाने के उस हॉल को पूरी तरह से परिवर्तित कर वहां ‘अभय कमांड सेंटर’ बनाया जा रहा है।पूर्णतया वातानुकूलित इस हॉल में दो बड़ी साइज की एलईडी को साथ-साथ लगाकर उस पर चार भागों में पूरे षहर में लगने वाले कैमरों का सजीव प्रसारण चलता रहेगा।जहां पुलिस के नियुक्त अधिकारी और कार्मिक बैठ कर स्वर्णनगरी की कानून व्यवस्था पर चौबीसों घंटे निगरानी रखेंगे।
फैक्ट फाइल
-211 कैमरे लगेंगे जैसलमेर में
-110 कैमरे पहले चरण में लगाने का कार्य जारी
-05 किलोमीटर के दायरे में बसा है जैसलमेर सतत निगरानी
जिला मुख्यालय पर एक साथ इतने कैमरे लगाने व कमांड सेंटर की स्थापना से कानून व्यवस्था पर सतत निगरानी रखी जा सकेगी और अपराध होने की दषा में जांच कार्य प्रभावी ढंग से होगा।पुलिस के लिए यह बेहद कारगर साबित होगा।
-गौरव यादव, जिला पुलिस अधीक्ष् ाक, जैसलमेर
-211 कैमरे लगेंगे जैसलमेर में
-110 कैमरे पहले चरण में लगाने का कार्य जारी
-05 किलोमीटर के दायरे में बसा है जैसलमेर सतत निगरानी
जिला मुख्यालय पर एक साथ इतने कैमरे लगाने व कमांड सेंटर की स्थापना से कानून व्यवस्था पर सतत निगरानी रखी जा सकेगी और अपराध होने की दषा में जांच कार्य प्रभावी ढंग से होगा।पुलिस के लिए यह बेहद कारगर साबित होगा।
-गौरव यादव, जिला पुलिस अधीक्ष् ाक, जैसलमेर