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सैंकड़ों पशुओं पर 3 डिपो, कैसे मिलेगा चारा

locationजैसलमेरPublished: May 24, 2022 07:52:47 pm

Submitted by:

Deepak Vyas

– तहसील स्तर पर मात्र तीन चारा डिपो स्वीकृत- हर तहसील की दर्जनों पंचायतों में है सैंकड़ों पशु

सैंकड़ों पशुओं पर 3 डिपो, कैसे मिलेगा चारा

सैंकड़ों पशुओं पर 3 डिपो, कैसे मिलेगा चारा

पोकरण. भारत-पाक सीमा पर स्थित सरहदी जिले में इस वर्ष भीषण अकाल के हालात है। ऐसे में सरकार की ओर से अकाल राहत कार्यों के दौरान पशु शिविर व चारा डिपो शुरू किए जा रहे है, लेकिन अभी तक जिले में प्रत्येक तहसील में तीन-तीन चारा डिपो ही शुरू किए गए है, जो ऊंट के मुंह में जीरे के समान राहत महसूस हो रही है। गौरतलब है कि राजस्थान सरकार की ओर से गत वर्ष कम बारिश के कारण सरहदी जैैसलमेर जिले को अभावग्रस्त घोषित किया गया। ऐसे में अप्रेल माह में पशु शिविर व चारा डिपो के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे। जिले में अब तक 781 पशु शिविर शुरू कर दिए गए है। जबकि मई माह के तीसरे सप्ताह में चारा डिपो शुरू करने की कवायद शुरू की गई। जिसके अंतर्गत अब तक पूरे जिले में मात्र नौ चारा डिपो शुरू करने की स्वीकृति प्रदान की गई है। जिनके लिए चारा पंजाब से खरीद किया गया है तथा यह चारा मंगलवार शाम तक इन चारा डिपो स्थलों तक पहुंचा है।
जिले में नहीं चारे की व्यवस्था, सरकार ने बाहर से खरीदा
भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित सरहदी जैसलमेर जिला विस्तृत भू-भाग में फैला हुआ है। रेगिस्तानी क्षेत्र में विषम परिस्थितियों से झूंझते जिले में इस वर्ष भीषण अकाल के हालात है। साथ ही दो माह से रिकॉर्ड तोड़ती भीषण गर्मी का प्रकोप चल रहा है। अकाल के कारण जिले में पशुओं के लिए चारा उपलब्ध नहीं हो रहा है। ऐसे में सरकार के आदेश पर जिला प्रशासन की ओर से पड़ौसी पंजाब राज्य से चारा खरीद किया गया है। जिन्हें चारा डिपो व पशु शिविरों में उपलब्ध करवाया जा रहा है।
ऊंट के मुंह में जीरे के समान डिपो
बीते वर्षों में अकाल की स्थिति होने पर अभावग्रस्त ग्राम पंचायतों में राज्य सरकार व जिला प्रशासन की ओर से पशु शिविर व चारा डिपो शुरू किए जाते थे। इस वर्ष पशु शिविर तो आवेदन करने पर ग्राम पंचायत क्षेत्रों में गांवों में खोले जा रहे है, लेकिन चारा डिपो शुरू करने की कवायद तो इस सप्ताह की शुरू की गई है। जिला प्रशासन की ओर से पूरे जिले में मात्र नौै जगहों पर चारा डिपो शुरू करने की स्वीकृति प्रदान की गई है। जिले में हजारों पशुओं पर मात्र नौ चारा डिपो नाकाफी व ऊंट के मुंह में जीरे के समान साबित हो रहे है।
यह है पशु शिविर व चारा डिपो की स्थिति
जिले में अब तक तहसील भणियाणा में 140, फतेहगढ़ में 197, जैसलमेर में 174, पोकरण में 89, सम में 181 पशु शिविर शुरू किए गए है। इन पशु शिविरों में तहसील भणियाणा में 21 हजार 398, फतेहगढ़ में 29 हजार 490, जैसलमेर में 26 हजार 200, पोकरण में 14 हजार 271 तथा सम में 27 हजार 445 कुल एक लाख 18 हजार 804 पशुधन का संरक्षण होगा। जिले में सम, पदमपुरा, बीलिया, दांतल, माड़वा, म्याजलार, रामगढ़, खेतोलाई, भैंसड़ा कुल नौ जगहों पर चारा डिपो शुरू करने की स्वीकृति प्रदान की गई है।
हजारों पशुओं पर नौ चारा डिपो नाकाफी
सरहदी जैैसलमेर जिले के लोग कृषि व पशुपालन व्यवसाय पर निर्भर है। एक अनुमान के अनुसार जिले में आबादी से करीब चार गुणा अधिक पशुधन हैै। इन पशुओं के लिए अकाल की स्थिति में चारे की व्यवस्था करना मुश्किल हो रहा है। जिला प्रशासन की ओर से मात्र नौ चारा डिपो शुरू किए गए है। जिले में 2012 की पशुगणना के अनुसार करीब 32 लाख पशुधन है। ऐसे में इन पशुओं के लिए मात्र नौ चारा डिपो के माध्यम से सभी पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था करना किसी चुनौती से कम नहीं होगा।
फैक्ट फाइल:-
– 32 लाख के करीब पशुधन हैै जिलेभर में
– 781 पशु शिविर शुरू किए गए है जिलेभर में अब तक
– 9 चारा डिपो की प्रदान की गई है स्वीकृति
– 1.18 लाख पशुधन का संरक्षण हो रहा पशु शिविरों में

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