ओरण को बचाने को 55 किलोमीटर देगराय मंदिर ओरण परिक्रमा शुरू
जैसलमेरPublished: Sep 20, 2020 07:59:31 pm
ओरण को बचाने को 55 किलोमीटर देगराय मंदिर ओरण परिक्रमा शुरू
ओरण को बचाने को 55 किलोमीटर देगराय मंदिर ओरण परिक्रमा शुरू
लाठी. फतेहगढ़ तहसील के देगराय मंदिर ट्रस्ट के आह्वान पर शनिवार सुबह देगराय मन्दिर के प्राचीन ओरण को बचाने व जनता को जागरूक करने के लिए दो दिवसीय देगराय मन्दिर ओरण की परिक्रमा मंदिर के प्रांगण से प्रारम्भ की गई । इस ऐतिहासिक वन्यजीव संरक्षण और प्राकृतिक संसाधन बचाने के लिये की जा रही 55 किलोमीटर लंबी परिक्रमा में विभिन्न क्षेत्रों से भक्त, ग्रामीण, वन्यजीव प्रेमी और पशुपालक शामिल हुए। परिक्रमा कार्यक्रम का आगाज देगराय मन्दिर ट्रस्ट अध्यक्ष कल्याणसिंह मूलाणा, समाजसेविका सुनीता भाटी, हाथीसिंह मूलाणा, गोपालसिंह बारू, दुज्र्जनसिंह भाटी, देवीसिंह भीखसर, पृथ्वीसिंह दवाड़ा, गोरखाराम रासला, गजेसिंह भोपा, तनसिंह सांवता, भोपालसिंह झलोड़ा, मालसिंह जामड़ा, राधेश्याम विश्नोई, मनफूल बिश्नोई, अमिताभ बालोच, अमनसिंह सिसोदिया और पाथ जगानी द्वारा किया गया। ओरण के चारों तरफ फैलती ऊर्जा कम्पनियों, पावर लाइनों से ओरण को उस पर निर्भर वन्यजीवों व पारम्परिक पशुपालन को बचाने व सुरक्षित रखने के लिए जनजागरूकता प्रसार के इस कार्यक्रम में देश की विभिन्न संस्थाओं द्वारा भी भागीदारी की गई है। कृपाविस संस्थान, अलवर के निदेशक अमन सिंह ने ओरणों के महत्व व उन्हें बचाने के लिए विभिन्न प्रयासों से सबको अवगत करवाया गया। भारतीय सांस्कृतिक निधीए इंटेक के बाड़मेर चेप्टर और ईआरडीएस संस्थानए जैसलमेर की तरफ से पार्थ जगाणी ने ओरण में चारागाह विकासए जल प्रबंधन के विषय पर क्षेत्र के ग्रामीणों को अवगत करवाया। ईआरडीएस संस्थान के पहले से चल रहे सामुदायिक गोडावण संरक्षण कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी। परिक्रमा कार्यक्रम में हरे कृष्ण धाम, इस्कॉन के जगदीशानंद व संतों द्वारा भजन मंडली व कृष्ण नाम संकीर्तन कर भक्तिरस की धारा को प्रवाहित किया।