ग्राम पंचायत की आबाद सात हजार से अधिक है और ग्राम पंचायत में चार राजस्व गांव व दर्जनों ढाणियां आती हैं। जिनको ग्राम पंचायत मुख्याल पर चिकित्सा सुविधा का लाभ मिल सकता है, लेकिन आजादी के सात दशक बाद भी गांव में सुविधाओं का अभाव होने से यहां अब भी उपचार के अभाव में दुविधा का बोल बाला है।
यहां थोड़ी राहत
जानकारों के अनुसार गांव में सरकार ने उपचार के लिए आयुर्वेद अस्पताल स्वीकृत है। जिसमें एक आयुर्वेद चिकित्सक के साथ दो सहायक स्टाफ लगाए हुए है। इसके अलावा एक एएनएम की भी नियुक्ति की हुई है।
टीकाकरण बंद
आंगबाड़ी कार्यकर्ताओं की हड़ताल के चलते गांव में टीकाकरण बंद है। ऐसे में प्रसूताओं, बच्चों के स्वास्थ्य पर संकट है। गांव में पोलियो टीकाकरण भी प्रभावित होने से भी दुविधा बढ़ी है।
फैक्ट फाइल
– 7 हजार से अधिक आबादी है बडोड़ा गांव ग्राम पंचायत की।
– 1 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भी नहीं है यहां।
– 1 आयुर्वेदिक अस्पताल में सामान्य बीमारियों का होता है उपचार
– 35 किलोमीटर दूर है गांव से जिला अस्पताल।
– 4 साल पहले जैसलमेर विधायक ने लिया था गोद।
– 500 से अधिक विद्यार्थी हैं गांव में
– 4 साल पहले जैसलमेर विधायक ने लिया था गोद।
– 500 से अधिक विद्यार्थी हैं गांव में