जैसलमेरPublished: Jul 16, 2023 08:11:56 pm
Deepak Vyas
- पत्रिका सर्वे में सच आया सामने
- महीने में औसतन 11 जीबी इंटरनेट डेटा का उपयोग
- 84 फीसदी लोगों को सुबह उठते ही 15 मिनट मोबाइल देखने की आदत
- चंद्रशेखर व्यास @ जैसलमेर. देश-दुनिया और नजदीक-दूर के सभी लोगों के बीच सेतु का काम करने वाला मोबाइल विशेषकर इंटरनेट की सुविधा से संपन्न स्मार्टफोन इसके उपयोगकर्ताओं के लिए सीमांत जैसलमेर जिले में नशीले पदार्थों से भी ज्यादा दिमाग पर असरकारी साबित हो रहा है। विशेषकर शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र के युवा इसकी जद में आए हुए हैं, फिर वे चाहे पढ़े-लिखे हों या नहीं। जैसलमेर में मोबाइल के प्रति दीवानगी चरम पर है। राजस्थान पत्रिका की ओर से करीब 50 अभिभावकों और इतने ही युवाओं से हुए वार्तालाप और साक्षात्कार के सर्वे में चौंकाने वाले नतीजे मिले हैं। मोबाइल और इन्टरनेट का एडिक्शन, सोशल मीडिया पर स्टेटस अपडेट के प्रति दीवानगी, हर पल वीडियो और रील्स बनाने की आतुरता, और आभासी दुनिया में जीने की ललक व्यक्ति में अहंकार और स्तुति गान की प्यास तो जगा ही रहा है, युवाओं व बच्चों को उनके प्राथमिक कार्य पढ़ाई-लिखाई से दूर कर रहा है।
यह तथ्य आए सामने
- 90 फीसदी युवतियां और 75 फीसदी युवक किसी से समारोह में जाते ही सबसे पहले उस समारोह के वीडियो बनाने, फोटो खिंचवाने, रील बनाने या स्लो मोशन वीडियो निर्माण को प्राथमिकता देते हुए यही सोचते हैं कि किस फोटो या वीडियो को फेसबुक स्टेटस या व्हाट्सएप स्टेटस बनाना मुफीद रहेगा?
- 90 फीसदी युवाओं को अपने माता पिता का फोन नम्बर तक याद नहीं है। 95 फीसदी युवाओं ने पिछले पांच सालों में पाठ्यक्रम के अलावा एक भी किताब नहीं खरीदी और न ही पढ़ी।
- महिलाएं अपने बच्चे को मोबाइल रूपी खिलौना थमा कर फ्री होना चाहती हैं। जैसलमेर में 85 फीसदी महिलाओं के बच्चे और वे महिलाएं मोबाइल एडिक्शन का शिकार हो रहे हैं।