scriptकिसानों को दी जैविक तरीके से बीज उपचार करने की सलाह | Advised farmers to do seed treatment in organic way | Patrika News

किसानों को दी जैविक तरीके से बीज उपचार करने की सलाह

locationजैसलमेरPublished: Nov 17, 2020 07:30:48 pm

Submitted by:

Deepak Vyas

जैसलमेर. राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत कृषि विज्ञान केन्द्र की ओर से जैसलमेर के विभिन्न खड़ीनों में चना एवं गेहूं के अलग-अलग किस्मों पर परीक्षणों पर कार्य किया जा रहा है।

किसानों को दी जैविक तरीके से बीज उपचार करने की सलाह

किसानों को दी जैविक तरीके से बीज उपचार करने की सलाह

जैसलमेर. राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत कृषि विज्ञान केन्द्र की ओर से जैसलमेर के विभिन्न खड़ीनों में चना एवं गेहूं के अलग-अलग किस्मों पर परीक्षणों पर कार्य किया जा रहा है। इसी क्रम में केंद्र के पशुपालन वैज्ञानिक डॉ. शंकरलाल खिचड़ के निर्देशन में जैसलमेर क्षेत्र के पिथला, कुमार कोठा और जाजिया खड़ीनों का भ्रमण किया। इस दौरान किसानों से खड़ीन क्षेत्रों में चना एवं गेहूं की बुवाई से पूर्व की तैयारियों पर चर्चा की और किसानों को जैविक तरीके से बीज उपचार करने की सलाह दी। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर से आए हुए वरिष्ठ अनुसंधान अध्येता सोमदत्त बिश्नोई ने विभिन खड़ीनों की मृदा का निरीक्षण करते हुए किसानों को मृदा नमी संरक्षण के गुण बताएं एवं बिश्नोई की ओरसे कृषि उत्पादन की नई तकनीकों के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी किसानों को दी गई। कृषि विज्ञान केंद्र के पशुपालन वैज्ञानिक डॉ. शंकरलाल खिचड़ ने पशुओं से संबंधित बीमारियों एवं उनकी रोकथाम व सर्दियों से पशुओं को बचाने के उपाय बताएं। डॉ. एसएल खिचड़ ने पशुओं के लिए उन्नत चारा व उत्पादन की तकनीकों के बारे में भी जानकारी दी। कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम अन्वेषक नरसीराम आजाद ने जिला कृषि मौसम इकाई के बारे में किसानों को अवगत कराया। केन्द्र के वरिष्ठ अनुसंधान अध्येता शीशपाल चौधरी ने किसानों को राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के उद्देश्य एवं किसानों को होने वाले लाभों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम के अंत में डॉ. एसएल खिचड़ ने बीकानेर से आए हुए वरिष्ठ अनुसंधान अध्येता सोमदत्त बिश्नोई व किसानों का आभार जताया।
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