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लॉकडाउन के दौरान सूनी पड़ी कृषि मंडी, नहीं हो रही सरकारी खरीद

locationजैसलमेरPublished: Mar 31, 2020 07:28:45 pm

Submitted by:

Deepak Vyas

-नहरी क्षेत्र रामगढ़ व नाचना के किसान हो रहे मायूस -टिड्डी व बेमौसम की बारिश पहले से पहुंचा चुकी नुकसान

लॉकडाउन के दौरान सूनी पड़ी कृषि मंडी, नहीं हो रही सरकारी खरीद

लॉकडाउन के दौरान सूनी पड़ी कृषि मंडी, नहीं हो रही सरकारी खरीद

रामगढ़. कस्बे के समीप स्थित कृषि मंडी सूनी पड़ी है। गौरतलब है कि रामगढ़ क्षेत्र बड़ा नहरी क्षेत्र होने के कारण यहां का मूल व्यवसाय खेती है। रामगढ़ में 325 किलोमीटर के दायरे में मुख्य नहर व उससे निकलने वाली छोटी माइनर्स का जाल बिछा हुआ है, जिससे 74 हजार हेक्टेयर में सिंचाई का पानी उपलब्ध होता है। यहां से होने वाली पैदावार यहां इस मंडी में किसानों की ओर से बेची जाती है, लेकिन इस बार पहले तो टिड््डी के आक्रमण तथा बाद में कम पानी ओर उसके बाद में बेमौसम की बारिश से किसानों को नुकसान हुआ है। मंडी में आवक बिल्कुल भी नही है। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए चल रहा लोक डाउन भी इसका कारण है।
नही हो रही सरकारी खरीद
इस बार एक तो उपज कम ऊपर से बाजार में फसल के भाव बिल्कुल कम है और सरकारी खरीद केंद्र पर खरीद नही होने के कारण किसान खुद को ठगा सा महसूस करने लगा है। किसानों की मानें तो फसल बेचने से पहले सरकारी केंद्र पर रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है, वह वेबसाइट बंद है। ऐसे में किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। किसानो ने मांग की है कि इस वेबसाइट को जल्द से जल्द शुरू किया जाए, ताकि किसानो को अपनी फसल का उचित मूल्य मिल सके। यदि समय पर सरकारी खरीद केंद्र शुरू नही हुआ तो मजबूरन किसानों को आपनी फसल ओने पौने दामो में बेचनी पड़ेगी।
नाचना. गांव में स्थित कृषि उपज गोण मंडी में पिछले कई महीनों से किसी भी प्रकार का कृषि उत्पादनों का लेन देन नहीं होने तथा सरकार की ओर से इस बार खरीद केंद्र शुरू नहीं होने से मंडी परिसर में सन्नाटा पसरा हुआ है। मंडी में पहले से ही लोग डाउन जैसे वातावरण बना हुआ था। सरकार की घोषणा पर लोग डाउन का दोहरा असर यहां देखा जा रहा है। गौरतलब है कि नाचना स्थित कृषि उपज मंडी पिछले कई महीनों से वीरान सी पड़ी है। मंडी में सरकारी खरीद केंद्र का कार्य प्रारंभ होने पर ही मंडी परिसर में किसानों की चहल पर दिखाई दी जाती है। अन्य दिनों में व्यापारियों की ओर से इस मंडी परिसर में अपना कारोबार का संचालन नहीं किए जाने से सरकारी खरीद के दिवसों के अलावा मंडी परिसर लगभग विरान ही पड़ी रहती है। देश में कोरोना वायरस के संकट के चलते राष्ट्रव्यापी लॉक डाउन को लेकर किसानों के कृषि जींसों की सरकारी खरीद का कार्य इस बार मंडी में शुरू भी नहीं हो पाया था, जिसके कारण मंडी में सन्नाटा पसरा हुआ दिखाई दिया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि नहरी क्षेत्र में रबी फसल की अभी तक कटाई का भी कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है। इसके साथ ही जिन किसानों ने अपनी फसल कटाई का कार्य पूर्ण कर लिया है। उन्हे न तो मजदूर मिल रहे हैं और न ही थ्रेसर अथवा कैम्पेन ऐसे में कटाई की हुई फसल खेतों के खलिहानों में ही पड़ी हुई है। लॉक डाउन के कारण न तो किसान गांव में आना चाहते हैं न ही व्यापारी अपने प्रतिष्ठान खोलकर कृषि जिंसों का व्यापार करने की हिम्मत जुटा पा रहे हैं। क्षेत्र के किसान नारायणसिंह, दुर्गाराम, हिम्मतसिंह, रजाक खां का कहना है कि किसान अपनी फसलों की कटाई व निकलवाई के कार्य से अभी तक निवृत तक नहीं हो पाए हैं। इस दौरान यदि इस समय मंडी में सरकारी खरीद केंद्र का कार्य भी प्रारम्भ कर दिया जाए तो अधिकांश किसानों को इससे लाभ नहीं पहुंच सकेगा। लॉकडाउन के चलते किसान अपनी उपज लेकर मंडी में नहीं पहुंच सकेंगे। इसके साथ ही मंडी में भीड़-भाड़ होने से लॉक डाउन के नियमों की अवहेलना होने से संक्रमण फैलने की भी आशंकाए बनी रहेगी ।
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