“हवा” खा रहा हमारा “हवाई अड्डा”
करीब 100 करोड़ की लागत से
तैयार किए गए जैसलमेर सिविल एयरपोर्ट मे हवाई सेवाएं शुरू होने का तीन
जैसलमेर।करीब 100 करोड़ की लागत से तैयार किए गए जैसलमेर सिविल एयरपोर्ट मे हवाई सेवाएं शुरू होने का तीन साल से इंतजार ही बना हुआ है। भव्यता के साथ एयरपोर्ट बनकर तैयार है, टेस्टिंग फ्लाइट भी हो चुकी है। अब इंतजार है तो बस सरकार की हरी झंडी का।
जैसलमेर से करीब 15 किमी दूर खुहड़ी रोड पर भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की ओर से तैयार कराया गया एयरपोर्ट उद्घाटन की राह ताक रहा है। यहां रन-वे तक ट्रैक, टैक्सी ट्रैक, बिल्डिंग, पानी व बिजली की सुविधाएं उपलब्ध हैं। खुहड़ी रोड स्थित फांटे से एयरपोर्ट तक सड़क निर्माण कार्य भी हो चुका है।
जैसलमेर एयरपोर्ट मे वर्तमान मे तीन स्वतंत्र पार्किग-वे है। एयरपोर्ट का क्षेत्रफल 12 हजार वर्गमीटर है।
हर किसी को उम्मीद है कि जैसलमेर एयरपोर्ट शुरू होने से पर्यटन को काफी लाभ पहुंचेगा, वहीं सैलानियो की यहां आवक बढ़ेगी। इसके साथ ही स्वर्णनगरी से हवाई सफर होने से यहां के बाशिंदो को भी यात्रा के लिहाज से राहत मिल सकेगी।
दिल्ली से जैसाणा तक हुई थी टेस्टिंग फ्लाइट
गौरतलब है कि 26, 27 व 29 नवंबर 2014 को टेस्ट फ्लाइट का संचालन किया गया था। इस अवधि मे किसी विवाह समारोह के कारण देश के कई उद्योगपतियो, हस्तियो व ख्यातनाम लोग इस फ्लाइट से जैसलमेर आए थे। माना यह जा रहा था कि यदि यह शुरूआती पहल कारगर रही तो जैसलमेर-दिल्ली के बीच नियमित हवाई सेवा सुचारू हो सकेगी, लेकिन ऎसा हुआ नहीं। एक बार फिर पर्यटन सीजन शुरू हो चुकी है, लेकिन हवाई सेवा का अभी इंतजार ही बना हुआ है।
इसलिए जरूरी है उड़ान
जैसलमेर राजस्थान का पश्चिमी सीमांत जिला होने के कारण महत्वपूर्ण है, वहीं अंतरराष्ट्रीय मानचित्र में पर्यटन व प्राकृतिक संसाधनों केे लिहाज से प्रसिद्ध है।
विगत वर्षो में जैसलमेर ने सैन्य तथा परमाणविक क्षेत्रों में उपलब्घि हासिल कर अपना स्थान प्रथम पंक्ति में बनाया है। – पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए अधिक मांग होने के बावजूद जैसलमेर में हवाई सेवा शुरू नहीं की गई है।