पर्यावरण को दूषित होने से बचाने के लिए वाहनों की समय पर सर्विस करवानी होती है। यदि सर्विस नहीं होती है, तो वाहन अधिक धुंआ छोड़ता है। इसकी जांच के लिए पीयूसी जारी की जाती है। पीयूसी के लिए प्रत्येक वाहन की जांच नहीं हो पाती है। हालांकि कई बार अभियान के दौरान पुलिस व परिवहन विभाग की ओर से नाकाबंदी कर दस्तावेजों की जांच की जाती है, लेकिन आमतौर पर वाहन चालकों के हेलमेट, सीट बैल्ट, पंजीयन प्रमाण पत्र, अनुज्ञा पत्र देखकर उन्हें छोड़ दिया जाता है। प्रत्येक वाहन की जांच नहीं होने से कार्रवाई के आंकड़ों में बढोतरी नहीं हो पा रही है।
– 1000 से अधिक टैक्सियां होती है पोकरण में संचालित
– 5000 से अधिक दुपहिया वाहन दौड़ रहे है क्षेत्र की सडक़ों पर
– 100 से अधिक बसों का होता है विभिन्न मार्गों पर संचालन
– 1000 से अधिक ट्रक, ट्रैक्टर, जेसीबी व अन्य बड़े वाहन
– 3 माह में यातायात पुलिस ने काटे 47 चालान
– 30 से अधिक वाहनों के चालान प्रतिमाह करता है परिवहन विभाग
वाहनों चालकों के पास पीयूसी है या नहीं, इसके लिए नाकाबंदी कर वाहनों की जांच की जाती है। यदि पीयूसी नहीं पाई जाती है, तो उनके चालान किए जाते है। जिलेभर में लगातार कार्रवाई की जा रही है।
-टीकूराम पूनड़, जिला परिवहन अधिकारी, जैसलमेर