भारतीय सेना की दक्षिण कमान इन दिनों रेगिस्तानी इलाकों में ‘हमेशा विजयी’ नामक महत्वपूर्ण युद्धाभ्यास कर रही है। यह अभ्यास गत 16 दिसम्बर से प्रारंभ हुआ और आगामी 22 तारीख तक चलेगा। सेना की ओर से इस युद्धाभ्यास का उद्देश्य एकीकृत रूप से दुश्मन के इलाकों की गहराई में जाकर सशस्त्र बलों की क्षमता का मूल्यांकन करना बताया गया है।
रक्षा विभाग के प्रवक्ता ले. कर्नल मनीष ओझा ने बताया कि सेना की यूनिट एवं फार्मेशन अपने रण कौशल और रणनीति को उच्च कोटि का बनाने के लिए पिछले दो महीनों से प्रशिक्षण कर रहे हैं। प्रारंभिक प्रशिक्षण के बाद, एकीकृत रूप से टैंक बख्तरबंद गाडिय़ां और वायुसेना के साथ पूरा तालमेल बिठाते हुए सैनिक इस युद्धाभ्यास को आगे बढ़ा रहे हैं। जानकारी के अनुसार इस युद्धाभ्यास में सर्वेलन्स नेटवर्क की मदद से सटीक हमले और संयुक्त संचालन पर आधारित रणनीतिक और सामरिक उपकरणों का भी परीक्षण किया जाएगा। पारंपरिक युद्ध के अलावा, सैनिकों को रासायनिक और परमाणु आकस्मिकताओं के लिए भी अभ्यास कराया जाएगा। इस दौरान सेना और वायुसेना के बीच उच्च स्तर के तालमेल का भी प्रदर्शन किया जाएगा। युद्धाभ्यास की समीक्षा दोनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारी करेंगे।
…इसलिए करते हैं अभ्यास
प्रवक्ता ओझा ने बताया कि सेना की दक्षिणी कमान नियमित अंतराल पर इस तरह के अभ्यास करती है ताकि आधुनिक हथियारों के साथ ही उच्च परिचालन योजनाओं की वैधता सुनिश्चित की जा सके।