दुर्घटना की सूचना मिलने पर सीमाजन कल्याण समिति के प्रदेश सचिव खेताराम लीलड़, हिन्दू जागरण मंच के जिला संयोजक रावलसिंह केलावा, रवि बिस्सा, राधेश्याम पेमाणी, श्रवण पूनिया सहित कार्यकर्ता घटनास्थल पर पहुंचे। दुर्घटना के करीब 20 मिनट बाद बाद धोलिया व खेतोलाई से बड़ी संख्या में ग्रामीण भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने बस में फंसे घायलों को बाहर निकाला तथा जैसलमेर से पोकरण आ रही एक रोडवेज बस, 108 एम्बुलेंस व निजी वाहनों से अस्पताल पहुंचाया। सूचना पर पुलिस उपाधीक्षक नानकसिंह, तहसीलदार हनुमानराम चौधरी, पोकरण थानाधिकारी माणकराम विश्रोई, लाठी थानाधिकारी मोहनलाल, सहायक उपनिरीक्षक देवीसिंह, मुख्य आरक्षक नीम्बदान भी मय जाब्ता मौके पर पहुंचे तथा घायलों को अस्पताल पहुंचाने में मदद की व राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 15 पर यातायात सुचारु किया।
घायलों के अस्पताल आने से पूर्व ही यहां लोगों की भीड़ लग गई। भाजपा जिलाध्यक्ष जुगलकिशोर व्यास, गोमट सरपंच मंजूरदीन मेहर, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता जुगल पुरोहित, भगवानदास राठी, अमृत खत्री, नाथूसिंह, ओमप्रकाश पालीवाल, जिला कांग्रेस कमेटी के सदस्य हेमंतकुमार पालीवाल सहित बड़ी संख्या में लोग घायलों के अस्पताल पहुंचने से पूर्व ही यहां आ गए। इस दौरान चिकित्सक भी अस्पताल के आपातकालीन कक्ष में आ गए। यहां उपस्थित लोगों ने घायलों को आपातकालीन कक्ष तक पहुंचाने में मदद की। कई लोग स्ट्रेचर ला रहे थे, तो कोई दवाईयां लाने में मदद कर रहे थे तथा घायलों व उनके परिजनों को हिम्मत बंधा रहे थे।
क्षेत्र में आए दिन होने वाली दुर्घटना के दौरान सबसे बड़ी समस्या अस्पताल में स्ट्रेचर की कमी की रहती है। सोमवार को हुई बड़ी दुर्घटना के दौरान यह कमी कोढ में खाज का कारण बनी। एक साथ दो दर्जन से अधिक घायलों के आने से एक बारगी अव्यवस्थाओं का हाल देखने को मिला। कई परिजन घायलों को हाथ में उठाए ही खड़े नजर आए। स्ट्रेचर की कमी के चलते कुछ घायलों को स्टूल, तो कुछ को कुर्सी पर बिठाकर मरहम पट्टी की गई व इंजेक्शन लगाए गए।
भीड़ को नियंत्रित करने में छूटा पसीना
हादसे की सूचना मिलते ही अस्पताल में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। यहां आने वाले लोग सीधे आपातकालीन कक्ष की तरफ भागने लगे। ऐसे में पुलिस को कक्ष के दरवाजे बंद कर भीड़ को नियंत्रित करना पड़ा। इसके अलावा पुलिसकर्मियों को बाहर खड़े होकर भीड़ को कक्ष में प्रवेश से रोकना पड़ा।