scriptजैसाणै में पर्यटन को कोरोना की मारए बाढ़ाणै में अभी नहीं स्वीकार | Asanai tourism is not yet accepted in Badhanai due to Corona | Patrika News

जैसाणै में पर्यटन को कोरोना की मारए बाढ़ाणै में अभी नहीं स्वीकार

locationजैसलमेरPublished: Sep 24, 2021 06:57:09 pm

Submitted by:

Deepak Vyas

-जैसलमेर पहुंच में हो आसानीए नवाचार पर भी दिया जाए जोर-कोरोना के बाद जैसलमेर पर्यटन को फिर से परवान चढ़ाने की चुनौती

जैसाणै में पर्यटन को कोरोना की मारए बाढ़ाणै में अभी नहीं स्वीकार

जैसाणै में पर्यटन को कोरोना की मारए बाढ़ाणै में अभी नहीं स्वीकार


जैसलमेर. सीमावर्ती इलाके के बाद अब पर्यटन नगरी के रूप में पहचान बना चुका है। यहां के किले, हवेलियां, तालाब व धोरों को देखने लाखों सैलानी आ रहे है। कोरोना की मार बाद यह व्यवसाय उबरने की कोशिश में है तो इधर तेल के खजाने व रिफाइनरी की प्रगति के बूते आर्थिक उन्नति की सीढिय़ा चढ़ रहा बाड़मेर भी अब पर्यटन को लेकर संभावनाओं से लबरेज है, लेकिन विडंबना है कि पर्यटन महकमा यहां अरुचि ले रहा है।
रतन दवे/चंद्रशेखर व्यास
बाड़मेर/जैसलमेर
जैसलमेर.बाड़मेर गुजरात और देश के अन्य कोनों से आने वाले पर्यटकों के लिए एक रास्ते पर है लेकिन पर्यटन की तरक्की के मामले में दोनों के रास्ते जुदा है। जैसलमेर पर्यटन के मामले में देश.विदेश में ख्यात है और बाड़मेर की पर्यटन संभावनाओं को तलाशा भी नहीं जा रहा है। जैसलमेर में मरू मेला का निरंतर और व्यवस्थित आयोजन हो रहा है और बाड़मेर में पंद्रह साल पहले बंद कर दिया गया। इन पंद्रह सालों में बाड़मेर राज्य की आर्थिक राजधानी बन रहा है लेकिन पर्यटन महकमा व सरकार ध्यान नहीं दे रही है।
बाड़मेर में पर्यटन की विपुल संभावनाएं
धार्मिक पर्यटन
बाड़मेर में पर्यटन की विपुल संभावनाएं है। यहां रिफाइनरी के निकट ही धार्मिक पर्यटन का मुख्य आधार नाकोड़ा, आसोतरा, तिलवाड़ा, जसोल, बिठूजा, पचदरा, खेड़ के मंदिर है, जहां प्रतिवर्ष करीब पांच लाख लोग आते है।
-किराडू के मंदिर बाड़मेर के पास में है जो बारहवीं सदी के मंदिर हैएजूना और शिव के सूर्य मंदिर भी इसी श्रृंखला में है
-बॉर्डर टूरिज्म की विपुल संभावनाएं हैए यहां 1965-1971 युद्ध का क्षेत्र होने के साथ ही बॉर्डर में रोहिड़ी के धोरे जैसलमेर के सम की तरह ही है
-रेडाणा व बाखासर का रण बाड़मेर में छोटे रण के रूप में हाल ही में प्रसिद्ध हुआ है
-रिफाइनरी और तेल क्षेत्र को बाड़मेर के नए टूरिज्म से जोड़ा जा सकता है
-बाड़मेर की हैण्डीक्राफ्ट, लकड़ी नक्ककाशी की कला और मांगणिहार लोक गायकी प्रसिद्ध है
बाड़मेर फैक्ट फाइल
-100 के करीब हो गए है अब होटल
-05 लाख लोग आते है सालाना धार्मिक पर्यटन पर
-43129 करोड़ की बन रही है रिफाइनरी
-1 लाख करोड़ का होना है तेल में निवेश
जैसलमेर को उबारे कोरोना से
बंद ट्रेनें चलें
-कोरोना संकट के चलते जैसलमेर से दिल्ली के लिए चलने वाली इंटरसिटी, हावड़ा एक्सप्रेस और कुछ अन्य रेलों का संचालन ठप हो गया।
-लम्बी दूरी की बंद ट्रेनों को शुरू करवाने के साथ दक्षिण भारत के प्रमुख शहरों और मुम्बई के लिए रेल सप्ताह में कम से कम तीन-चार दिन चलाए जाने की दरकार लम्बे समय से बनी हुई है।
विमान उड़े
मार्च माह से एकमात्र अहमदाबाद के लिए ही सिविल एयरपोर्ट से विमान उड़ान भर रहा है। दिल्ली, मुम्बई, जयपुर, बैंगलुरु शहरों के लिए स्पाइसजेट ने आगामी अक्टूबर के आखिरी दिनों से विमान सेवा के संचालन का शेड्यूल जारी कर रखा है, जबकि इसे अगर पहली अक्टूबर से ही शुरू कर दिया जाए तो पर्यटक बड़ी तादाद में खिंचे चले आएंगे।
नयापन भी आए नजर
जैसलमेर घूमने आने वाले सैलानी प्रारंभिक दशकों में ऐतिहासिक इमारतों व लहरदार धोरों को देखकर रोमांचित होते रहे हैं। इन जगहों का आकर्षण अब भी कम नहीं है लेकिन अब चूंकि विदेशी के साथ देश के कोने.कोने से हर श्रेणी के सैलानी यहां घूमने पहुंच रहे हैं तो उनके आकर्षण में इजाफा करने के लिए नवाचार पर जोर दिया जाना जरूरी है। सबसे पहले तो बॉर्डर ट्यूरिज्म के संबंध में ठोस काम किया जाना चाहिए। इस संबंध में हर स्तर पर सकारात्मक बातें तो की जाती हैं लेकिन धरातल पर काम शुरू नहीं हो पा रहा है।
ऐसे ही जैसलमेर शहर में रात्रिकालीन भ्रमण के स्थानों में बढ़ोतरी की जानी चाहिए। पर्यटन विभाग की तरफ से गड़ीसर सरोवर में लाइट एंड साउंड शो की स्थापना इस दिशा में एक उल्लेखनीय कार्य माना जा सकता है।
हैंडीक्राफ्ट की जीवंत प्रदर्शनी से लेकर पालीवाल सभ्यता के उजाड़ गांवों व पुराने किलो तथा जियोलॉजिकल पर्यटन को आगे बढ़ाने की दिशा में आगे बढना होगा।
सुरक्षित हो पर्यटन
लपकावृत्ति चरम पर पहुंच गई। जैसलमेर आने वाले दोनों राजमार्गों के अलावा सम सेंड ड्यून्स क्षेत्र में एक तरह से कब्जा कर लिया है। पूर्व में राज्य सरकार की तरफ से यह निर्णय लिया जा चुका है कि जैसलमेर में पर्यटन पुलिस थाना स्थापित किया जाएगा लेकिन यह घोषणा अब तक पूरी नहीं हो पाई है।
फैक्ट फाइल
-08 लाख से ज्यादा सैलानी आए थे 2020 में जैसलमेर
-1200 करोड़ का सालाना टनज़्ओवर पयज़्टन क्षेत्र में
-300 से ज्यादा होटल्स जैसलमेर में
-100 रिसोट्ज़्स सम सेंड ड्यून्स पर
-15 हजार को पर्यटन से रोजगार

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