बाबा रामदेव के मेले में पैदल सफर कर आने वाले श्रद्धालुओं का सिलसिला अब भी अनवरत रूप से जारी है। सैंकड़ों किमी का लम्बा सफर पैदल तय कर जब वे बाबा के दरबार पहुंचते है, तो जोश व उत्साह के साथ नाना प्रकार के नारे लगाते है। आस्था के चलते बाबा के दर आने वाले श्रद्धालुओं में 60 फीसदी लोग पैदल चलकर आते है। उनका यह सिलसिला करीब एक माह से लगातार बना हुआ है। ग्रामीण अंचलों से आने वाले पुरुष व महिला श्रद्धालु अपनी ओर से तैयार किए हुए नए-नए नारे जोर जोर से लगाते है। जिससे उनका उत्साह देखते ही बनता है। मंदिर प्रवेश द्वार के पास पहुंचते ही इन दिनों एक दो तीन चार, बाबा तेरी जय-जयकार, कांदो रोटी थैले में, बाबो मिल गयो मेले में, एक किलो पैठा, बाबो देवे बेटा, पैदल पंछी आया है, बाबा ने बुलाया है, एक जलेबी तेल में, बाबो बैठो रेल में, ऊपर मोटर नीचे कार, बाबा तेरी जय-जयकार, चलो बुलावा आया है, बाबा ने बुलाया है, आपा किणरा बाबे रा, बाबो किणरो आपा रो सहित अपनी ओर से बनाए गए नारे लगाकर बाबा के भक्त जोश व उत्साह बढा रहे है। बाबा के जयकारों व नारों से सैंकड़ों किमी पैदल चलकर आए श्रद्धालु अपनी थकान भूल जाते है।
गांव में चल रहे मेले के दौरान जातरुओं के मनोरंजन के लिए लगाए गए झूले व सर्कस यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए काफी आकर्षण का केन्द्र बने हुए है। बाबा की समाधि के दर्शनों के बाद देर रात्रि तक हजारों श्रद्धालु इन मनोरंजन केन्द्रों पर पहुंचकर मेला घूमने का लुत्फ उठा रहे है। पोकरण रोड व नाचना रोड पर अलग-अलग दो जगहों पर झूले व सर्कस लगाए गए है। सैंकड़ों किमी का लम्बा सफर तय कर आने वाले श्रद्धालु बाबा की समाधि के दर्शनों के बाद यहां पहुंचकर अपना समय व्यतीत कर रहे है तथा मनोरंजन कर रहे है। कुंआनुमा लकड़ी के पट्टों पर तेज रफ्तार से बाइक व मारुति कार चलाकर हैरत अंगेज प्रदर्शन दिखाने वाले कार्यक्रमों को देखकर जातरु काफी रोमांचित हो रहे है। इसके अलावा हाथ की सफाई, सर्कस आदि लगे अलग-अलग प्रदर्शन लोगों के लिए काफी आकर्षण का केन्द्र बने हुए है।