जैसलमेर. सुप्रिम कोर्ट के एससीएसटी एक्ट में संशोधन करने के प्रस्ताव के बाद दो अप्रेल को एससीएसटी के भारत बंद के दौरान
जैसलमेर में निकाली गई आक्रौश रैली में जिला मुख्यालय पर छिटपुट घटनाओं ने विवाद बढ़ा दिया। यहां दुकाने बंद नहीं करने पर विरोध कर रहे आंदोलनकारियों ने पत्थरबाजी कर दी। जिससे दुकानों में नुकसान पहुंचने के साथ ही कईं कुछ लोगों के सिर फूटने के समाचार भी है। यहां गड़ीसर चौराहा से रवाना हुई रैली में शामिल कुछ आंदोलनकारियों ने अमर सागर प्रोल पर हिंसात्मक कार्रवाई की, जिससे कुछ व्यापारियों के चोटे आई है। इसी तरह गोपा चोक और
हनुमान चौराहा पर भी हिंसा की घटनाएं हुई। जिसे पुलिस ने शांत करवाया।
भीम सेना का विरोध
जैसलमेर के गोपा चोक और हनुमान चौराहा पर भीम सेना की आक्रोश रेली के विरोध में कुछ युवाओं ने नारेबाजी कर सुप्रिम कोर्ट के इस फैसले का समर्थन किया। उन्होंने वन्देमातरम और जयसियाराम के नारे लगाते हुए केसरिया झंडे लहराये। पुलिस ने मौके पर ही इन्हें रोक दिया, लेकिन उन्होंने अपना विरोध जारी रखा। रैली के निकल जाने के बाद भी उनका विरोध जारी रहा।
पोकरण में पुलिस की लाठी-भाटा जंग
इसी तरह पोकरण में आक्रौश रैली के दौरान दुकाने बंद नहीं होने पर आंदोलनकारियों ने पुलिस पर पत्थर बरसाये और पुलिस के विरुद्ध नारेबाजी की। पत्थर खाने के बाद पुलिस ने भीड़ को बिखेरने के लिए हल्का बल प्रयोग कर शांति व्यवस्था को बहाल किया।
यहां से निकली आक्रौश रैली
जैसलमेर में आक्रौश रैली निकाली गई। रैली गड़ीसर चौराहा से रवाना होकर अमर सागर प्रोल, गोपा चौक, सदर बाजार होते हुए हनुमान चौराहा से कलक्ट्रेट पहुंची। जहां करीब चार घंटे से अधिक प्रदर्शन किया गया।
लहराये नीले झंडे
जिला मुख्यालय पर आयोजित आक्रोश रैली में नीले झंडे लहराते हुए आक्रोश रैली में शामिल युवाओं व एससीएसटी समाज के लोगों ने नीले झंडा लहराते हुए सुबह से दोपहर बाद तक विरोध किया।
महिलाओं ने लगाये नारे
आक्रोश रैली में एससीएसटी समाज की महिलाओं ने भी भाग लिया। महिलाओं ने जय भीम के नारे लगाते हुए एक्ट में संशोधन का विरोध किया।