रक्षा विभाग के प्रवक्ता ले. कर्नल मनीष ओझा के अनुसार सेना की यूनिट एवं फार्मेशन अपने रण कौशल और रणनीति को उच्च कोटि का बनाने के लिए पिछले दो महीनों से प्रशिक्षण ले रहे हैं। इसमें सेना और वायुसेना संयुक्त तौर पर टैंक और बख्तरबंद गाडिय़ां और विमानों का इस्तेमाल कर आपसी तालमेल से बेहतरीन ढंग से लक्ष्य अर्जित करने का कौशल दर्शा रहे हैं। युद्धाभ्यास में सर्वेलन्स नेटवर्क की मदद से सटीक हमले और संयुक्त संचालन पर आधारित रणनीतिक और सामरिक उपकरणों का भी परीक्षण किया जा रहा है। इसके अलावा सैनिकों को रासायनिक और परमाणु आकस्मिकताओं के लिए भी तैयार किया जा रहा है। गौरतलब है कि सेना की दक्षिणी कमान नियमित तौर पर इस तरह के अभ्यास करती है ताकि आधुनिक हथियारों के साथ उच्च परिचालन योजनाओं की वैधता पुख्ता की जा सके।