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Jaisalmer patrika news- पाक से सटी रेगिस्तानी सीमा पर भीष्म की दहाड़ से सहमा दुश्मन!

locationजैसलमेरPublished: Dec 21, 2017 10:06:29 am

Submitted by:

jitendra changani

-‘हमेशा विजयी’ युद्धाभ्यास में टी-90 टैंक दिखा रहा जलवा- सेना की दक्षिणी कमान का अभ्यास

Jaisalmer patrika

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जैसलमेर . जैसलमेर के पाक से सटे रेगिस्तानी सीमावर्ती क्षेत्रों में भीष्म की दहाड़ ने पड़ौसी दुश्मन की नींद को उड़ा दिया है। भारतीय सेना के जवान जोश, जज्बा व देश में बने आधुनिक तकनीक वाले हथियारों की ताकत के दम पर दुश्मन को हर परिस्थिति में मात देने के लिए तैयारी का अभ्यास इन दिनों जैसलमेर के रेगिस्तानी क्षेत्रों में देखा जा सकता है। भारत की थल व वायुसेना के चल रहे इस संयुक्त युद्धाभ्यास में जवानों व सेना के अधिकारियों का जोश देखते ही बन रहा है। वहीं शांत रेगिस्तानी धोरों के बीच गोलो व गोलियों की बारिश से दिए जा रहे लक्ष्य कुछ ही पलों में नेस्तानाबूद हो रहे है। भारतीय सेना की दक्षिण कमान की ओर से सीमावर्ती जैसलमेर-बाड़मेर के रेगिस्तानी क्षेत्रों में चलाए जा रहे ‘हमेशा विजयी’ युद्धाभ्यास में भारतीय सेना ने टी-90 भीष्म टैंक से अचूक निशाने साधकर दुश्मन के काल्पनिक ठिकानों को नेस्तनाबूद करने के साथ इस टैंक की विशेषताओं को परखा। यह अभ्यास गत 16 तारीख से शुरू हुआ और आगामी 22 दिसम्बर तक चलेगा। इसमें सेना और वायुसेना एकीकृत रूप से ‘दुश्मन’ के क्षेत्रों की गहराई में जाकर सशस्त्र बलों की क्षमता को आंका जा रहा है। ‘हमेशा विजयी’ अभ्यास में वायुसेना के विमानों से जांबाजों ने पैरा ड्रोपिंग की शानदार झलक पेश की।

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दो माह से ले रहे प्रशिक्षण
रक्षा विभाग के प्रवक्ता ले. कर्नल मनीष ओझा के अनुसार सेना की यूनिट एवं फार्मेशन अपने रण कौशल और रणनीति को उच्च कोटि का बनाने के लिए पिछले दो महीनों से प्रशिक्षण ले रहे हैं। इसमें सेना और वायुसेना संयुक्त तौर पर टैंक और बख्तरबंद गाडिय़ां और विमानों का इस्तेमाल कर आपसी तालमेल से बेहतरीन ढंग से लक्ष्य अर्जित करने का कौशल दर्शा रहे हैं। युद्धाभ्यास में सर्वेलन्स नेटवर्क की मदद से सटीक हमले और संयुक्त संचालन पर आधारित रणनीतिक और सामरिक उपकरणों का भी परीक्षण किया जा रहा है। इसके अलावा सैनिकों को रासायनिक और परमाणु आकस्मिकताओं के लिए भी तैयार किया जा रहा है। गौरतलब है कि सेना की दक्षिणी कमान नियमित तौर पर इस तरह के अभ्यास करती है ताकि आधुनिक हथियारों के साथ उच्च परिचालन योजनाओं की वैधता पुख्ता की जा सके।
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