scriptअंग्रेजो के जमाने के रेलवे स्टेशन को 10 माह से रेल का इंतजार | British railway station waiting for rail for 10 months | Patrika News

अंग्रेजो के जमाने के रेलवे स्टेशन को 10 माह से रेल का इंतजार

locationजैसलमेरPublished: Jan 20, 2021 08:05:48 pm

Submitted by:

Deepak Vyas

– कोरोना काल से बन्द है रेलों का संचालन, तीन जोड़ी रेलों के आवागमन की सुविधा- सामरिक, ऐतिहासिक व धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है पोकरण रेलवे स्टेशन

अंग्रेजो के जमाने के रेलवे स्टेशन को 10 माह से रेल का इंतजार

अंग्रेजो के जमाने के रेलवे स्टेशन को 10 माह से रेल का इंतजार

पोकरण. कोरोनाकाल के बाद से ही पोकरण रेलवे स्टेशन पर रेलों का आवागमन पूरी तरह से बंद पड़ा है। जिसके कारण यहां सन्नाटा पसरा नजर आ रहा है। हालांकि देश में कई जगहों पर रेल सेवाओं को शुरू कर दिया गया है, लेकिन पोकरण रेलवे स्टेशन आज भी रेलों का इंतजार करता नजर आ रहा है। गौरतलब है कि पोकरण रेलवे स्टेशन की स्थापना अंग्रेजों के जमान में वर्ष 1938 में की गई थी। पोकरण रेलवे स्टेशन जोधपुर मंडल का आखिरी स्टेशन हुआ करता था। ऐतिहासिक, धार्मिक व सामरिक महत्व से पोकरण महत्वपूर्ण है। यहां से प्रतिदिन सैंकड़ों यात्री सफर करते है, लेकिन कोरोना काल के कारण गत मार्च 2020 से यहां रेल सेवाएं पूरी तरह से बंद पड़ी है। जिसके कारण यात्रियों को परेशानी हो रही है। इसी प्रकार रेलों का आवागमन बंद होने के कारण रेलवे स्टेशन क्षेत्र में दुकान लगाकर बैठे दुकानदारों को भी आर्थिक संकट से झूंझना पड़ रहा है। बावजूद इसके रेलवे विभाग की ओर से यहां रेलों का संचालन पुन: शुरू करने को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
तीन जोड़ी रेलों का होता था संचालन
पोकरण रेलवे स्टेशन से प्रतिदिन तीन जोड़ी रेलों का संचालन हुआ करता था। दिल्ली-जैसलमेर रुणीचा एक्सप्रेस, जोधपुर-जैसलमेर सुपरफास्ट एक्सप्रेस व जोधपुर-जैसलमेर लोकल तीन जोड़ी रेलें अलग-अलग समय से पोकरण से आवागमन करती थी। इन रेलों से प्रतिदिन सैंकड़ों यात्री सफर करते थे। गत 10 माह से रेलों का संचालन बंद होने के कारण इन यात्रियों को परेशानी हो रही है।
सेना के जवान व श्रद्धालु परेशान
पोकरण का ऐतिहासिक, सामरिक व धार्मिक महत्व है। लोकदेवता बाबा रामदेव के गुरु बालीनाथ महाराज का आश्रम, भैरव राक्षस गुफा पोकरण में होने के कारण बाबा रामदेव की समाधि के दर्शनों के लिए रामदेवरा आने वाले श्रद्धालु पोकरण भी आते है। इसी प्रकार पर्यटक ऐतिहासिक फोर्ट, कलात्मक हवेलियां, छतरियां, मंदिर, तालाब व अन्य पर्यटन स्थल घूमने के लिए भी यहां आते है। सामरिक रूप से पोकरण में बीएसएफ व आर्मी की स्थायी बटालियन रहती है। साथ ही पोकरण के पास एशिया की सबसे बड़ी फिल्ड फायरिंग रेंज होने के कारण यहां प्रतिवर्ष सैंकड़ों सैनिक युद्धाभ्यास के लिए आते है। आरामदायक सफर होने के कारण श्रद्धालु, पर्यटक व सैनिक रेलों में सफर करते है। 10 माह से बंद रेल सेवाओं के कारण इन्हें सबसे अधिक परेशानी हो रही है।
पसरा पड़ा है सन्नाटा, दुकानदार परेशान
पोकरण रेलवे स्टेशन पर गत 10 माह से रेलों का संचालन बंद होने के कारण सन्नाटा पसरा पड़ा है। जिसके कारण रेलवे स्टेशन के बाहर दुकान लगाकर बैठे दुकानदारों को परेशानी हो रही है। पोकरण में रेलों का ठहराव 25 मिनट होता है। ऐसे में यात्री स्टेशन के बाहर लगी दुकानों से मिठाई, पोकरण की प्रसिद्ध चमचम, अन्य खाने पीने की वस्तुएं खरीदने के साथ जलपान करते थे। जिससे दुकानदारों को अच्छा रोजगार मिलता था। रेलों का संचालन बंद होने के कारण लगातार 10 माह से उन्हें आर्थिक परेशानी से रूबरू होना पड़ रहा है। बावजूद इसके रेलवे विभाग की ओर से यहां रेलों का संचालन पुन: शुरू करने को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
आर्थिक संकट से परेशान
गत 10 माह से रेलों का संचालन पूरी तरह से बंद है। यात्रियों की आवक नहीं होने के कारण खर्चा चलाना मुश्किल हो रहा है। रेलवे विभाग को पुन: रेलें शुरू करनी चाहिए।
– ओमप्रकाश शर्मा, दुकानदार रेलवे स्टेशन, पोकरण।
भेजा गया है ज्ञापन
पोकरण में 10 माह बाद पुन: रेलों का संचालन शुरू करने के साथ पोकरण को लम्बी दूरी की रेलों से जोडऩे के लिए रेलवे विभाग के अधिकारियों को ज्ञापन भेजा गया है। रेलों का संचालन पुन: शुरू होने से पर्यटकों की आवक होगी। जिससे पोकरण के पर्यटन विकास को पंख लगेंगे।
– शिवकुमार मेवाड़ा, समाजसेवी, पोकरण।

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