scriptCases settled in National Lok Adalat | राष्ट्रीय लोक अदालत में किया प्रकरणों का निस्तारण | Patrika News

राष्ट्रीय लोक अदालत में किया प्रकरणों का निस्तारण

locationजैसलमेरPublished: Nov 12, 2022 08:18:23 pm

Submitted by:

Deepak Vyas

राष्ट्रीय लोक अदालत में किया प्रकरणों का निस्तारण

राष्ट्रीय लोक अदालत में किया प्रकरणों का निस्तारण
राष्ट्रीय लोक अदालत में किया प्रकरणों का निस्तारण
पोकरण. राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। ताल्लुका पोकरण पर अपर जिला एवं सैशन न्यायालय, अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, ग्राम न्यायालय सांकड़ा के लंबित प्रकरणों, बैंक रिकवरी प्रकरणों की सुनवाई के लिए अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट डॉ.अजयकुमार विश्रोई की अध्यक्षता में पैनल अधिवक्ता मोहम्मद इकबाल, राजस्व मामलों से संबंधित प्रकरणों की सुनवाई के लिए ग्राम न्यायालय सांकड़ा के न्यायाधिकारी किशन सांदू की अध्यक्षता में उपखंड अधिकारी प्रभजोतसिंह गिल की बैंचों का गठन किया गया। राष्ट्रीय लोक अदालत की भावना से आपसी राजीनामा व समझाइश कर एसीजेएम डॉ.विश्रोई की बैंक की ओर से चैक अनादरण मामलों में करीब 15 लाख रुपए, बैंक रिकवरी प्रकरणों में 2 करोड़ 32 लाख रुपए के अवार्ड पारित किए गए। न्यायाधिकारी सांदू की बैंक की ओर से राजस्व मामलों से संबंधित प्रकरणों में समझाइश की गई। राष्ट्रीय लोक अदालत में आपसी राजीनामा व समझाइश से ताल्लुका पोकरण पर गठित तीनों दलों की ओर से कुल 148 लंबित प्रकरणों का निस्तारण किया गया। साथ ही 77 प्रिलिटिगेशन स्तर पर बैंकों की रिकवरी के मामलों में समझाइश कर निस्तारण किया गया। बैंक के ऋणी, जिन्होंने लोक अदालत की भावना से अपना ऋण समाप्त किया, उन्हें एसीजेएम डॉ.विश्रोई व एसबीआई बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक कैलाश गहलोत की ओर से संदेश दिया गया कि लोक अदालत से आमजन अपने लंबित प्रकरणों एवं बैंक के ऋण को आपसी राजीनामे से निपटा सकते है और व्यर्थ की होने वाली परेशानी से छुटकारा पा सकते है। पीठासीन अधिकारी एसीजेएम डॉ.अजयकुमार विश्रोई, ग्राम न्यायालय सांकड़ा के न्यायाधिकारी किशन सांदू, सदस्य मोहम्मद इकबाल, अधिवक्ता जसवंत दैया, मगनाराम विश्रोई, सरवरखां मेहर, पति-पत्नी रेखा करणाराम उर्फ कानाराम के आपसी मनमुटाव के कारण न्यायालय लंबे समय से लंबित चल रहे पारिवारिक प्रकरण में समझाइश की गई। समझाइश के बाद लोक अदालत के समक्ष पति-पत्नी ने एक दूसरे को माला पहनाकर लंबे समय से चल रहे मनमुटाव को समाप्त किया।
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