प्रतियोगिताओं के विजेताओं का सम्मान
-वर्चुअल माध्यम से हुआ पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन

जैसलमेर. विधिक सेवा दिवस के उपलक्ष्य में रालसा की ओर से बाल गृहों में रहने वाले बालक-बालिकाओं के मध्य राज्य स्तर पर पोस्टर-पेंटिंग, निबन्ध लेखन, स्लोगन लेखन, कविता-गीत लेखन एवं कहानी लेखन प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्तकर्ताओं को पुरस्कृत करने के लिए 5 जनवरी को वर्चुअल माध्यम से पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया। राजस्थान में पहली बार 144 बालगृहों को रालसा द्वारा वर्चुअल माध्यम से जोड़़कर सम्मानित किया गया। प्राधिकरण के सदस्य सचिव ब्रजेन्द्र जैन ने बताया कि हर वर्ष विधिक सेवा दिवस 09 नवम्बर के उपलक्ष में प्राधिकरण द्वारा खेल-कूद प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है। इन प्रतियोगिताओं का उद्देष्य बच्चों के अन्दर खेल-खेल में विधिक जागरूकता का प्रचार-प्रसार करना है और प्रतियोगिताओं के समापन के बाद खेल के विभिन्न स्तरों पर प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्तकर्ता प्रतिभागियों को उपहार देकर सम्मानित किया जाता है एवं उनका उत्साहवर्धन किया जाता है। इस वर्ष कोविड-19 को दृष्टिगत रखते हुए राजस्थान के सभी 144 बाल गृहों में प्रतियोगिताओं का तीन आयु वर्ग 06 से 10, 11 से 15 व 16 से 18 के मध्य पोस्टर-पेंटिंग, निबन्ध लेखन, स्लोगन लेखन, कविता-गीत लेखन एवं कहानी लेखन प्रतियोगिताओं का आयोजन गृह, जिला एवं राज्य स्तर पर किया गया है। प्रतियोगिताओं में राजस्थान राज्य के सरकारी बाल गृह, गैर सरकारी बाल गृह, आश्रय गृह, सम्प्रेषण गृह आदि में निवासरत कुल 2050 बच्चों ने भाग लिया। जैसलमेर जिले से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव शरद तंवर ने भाग लिया। जैसलमेर राजकीय सम्प्रेक्षण गृह के 11 से 15 वर्ष आयु वर्ग अन्तर्गत कविता लेखन प्रतियोगिता में अनिल गोदारा ने राज्य स्तर पर द्वितीय स्थान प्राप्त किया, जिन्हें पुरस्कार स्वरूप हाथ घड़ी, सिल्वर मेडल देकर पुरस्कृत व प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया।
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