जहां हुआ परमाणु परीक्षण, वहां फूट रहे कोरोना बम
जैसलमेरPublished: May 11, 2021 10:06:22 pm
– खेतोलाई बना हॉट स्पॉट, बढ़ते जा रहे केसेज
जहां हुआ परमाणु परीक्षण, वहां फूट रहे कोरोना बम
पोकरण. 23 वर्ष पूर्व आज ही के दिन भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगते सरहदी जिले जैसलमेर के पोकरण क्षेत्र स्थित खेतोलाई गांव के पास पोकरण फिल्ड फायरिंग रेंज में भारत सरकार की ओर से सिलसिलेवार पांच परमाणु परीक्षण किए गए। इसके बाद जब तत्कालीन प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी पोकरण आए तथा सभा को संबोधित किया, तो जय जवान, जय किसान के साथ जय विज्ञान का नारा तो जोड़ दिया, लेकिन विज्ञान के क्षेत्र में आज भी खेतोलाई तरक्की नहीं कर पाया है। हालात यह है कि यहां के अस्पताल में आज भी पर्याप्त सुविधाएं नहीं है। जिसके कारण थोड़ी सी हालत बिगडऩे पर मरीजों को पोकरण अथवा जोधपुर रैफर करना पड़ता है। इसी का परिणाम है कि गत एक वर्ष से चल रही कोरोना संक्रमण की महामारी के दौरान खेतोलाई गांव हॉटस्पोट बन गया है, लेकिन यहां चिकित्सा सेवाओं में सुधार नहीं किया गया है। गौरतलब है कि 11 मई 1998, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी ने भारत की सामरिक शक्ति का लोहा पूरे विश्व में मनवाते हुए पोकरण की इस शक्ति व भक्ति की धरा पर सिलसिलेवार परमाणु परीक्षण किए तथा भारत में दूसरी बार बुद्ध फिर मुस्कराया था। भारत वर्ष के लिए सामरिक गौरव के दिन है। आज से 23 वर्ष पूर्व 11 व 13 मई को पोकरण फिल्ड फायरिंग रेंज में लगातार पांच परमाणु बमों के धमाके कर भारत एक बार पुन: परमाणु शक्ति के रूप में उभरकर सामने आया। आज से 23 वर्ष पूर्व भारत सरकार ने 11 मई को दो व 13 मई को तीन परमाणु परीक्षण किए। जिसे परमाणु शक्ति – 2 नाम दिया गया। पोकरण फिल्ड फायरिंग रेंज में खेतोलाई गांव के निकट किए गए परमाणु धमाकों के बाद विश्वस्तर पर पहचान बना चुके पोकरण उपखण्ड के खेतोलाई गांव के लोग आज भी उस शौर्य व शक्ति दिवस की याद कर अपने आप को गौरान्वित महसूस करते है। उसी परमाणु परीक्षण की आज 23वीं वर्षगांठ है।
बढ़ रहा कोरोना का प्रकोप
खेतोलाई गत एक माह से कोरोना का हॉटस्पोट बना हुआ है। एक माह में खेतोलाई में कुल 52 जने कोरोना संक्रमित मिल चुके है। जिसके कारण गांव के कई गली मोहल्लों में सील कर दिया गया है। कोरोना के हॉटस्पोट बन जाने के बाद ग्रामीणों में भी भय का माहौल है। हालांकि चिकित्सा विभाग की ओर से प्राथमिक उपचार, सैम्पलिंग, वैक्सीनेशन व सर्वे का कार्य किया जा रहा है, लेकिन यदि किसी संक्रमित की तबीयत बिगड़ती है, तो उसके उपचार की खेतोलाई में कोई व्यवस्था नहीं है।
यह है अस्पताल स्टाफ की स्थिति
खेतोलाई गांव में कुछ वर्ष पूर्व राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत किया गया था। यहां वर्तमान में एक आयुष चिकित्सक, दो एएनएम व एक जीएनएम कार्यरत है। कोरोना को देखते हुए यहां चिकित्सक को प्रतिनियुक्ति पर यहां लगाया गया है। बड़ी आबादी के बीच खेतोलाई के अस्पताल को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में क्रमोन्नत करने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
पहले कैंसर, तो अब कोरोना का भय
परमाणु परीक्षण के बाद खेतोलाई में कैंसर के मरीजों की संख्या बढ़ी थी। ग्रामीणों के अनुसार परमाणु परीक्षण के बाद वातावरण में फैले रेडियेशन के कारण ग्रामीणों में कैंसर व पशुओं में गर्भपात की समस्या उत्पन्न हो गई। उन्होंने बताया कि गांव में कई लोग कैंसर से पीडि़त हुए, तो पशुओं के गर्भपात होना आम बात हो गई। रेडियेशन को लेकर कई बार जांच के आदेश भी निकले और केन्द्र व राज्य स्तर पर टीमों का गठन हुआ, लेकिन जांच के बाद कोई नतीजा नहीं निकल पाया। इस समस्या का समाधान हो ही नहीं पाया था कि अब कोरोना आफत बना हुआ है। कोरोना के बढ़ते मरीजों से ग्रामीणों में खौफ का माहौल है।
फैक्ट फाइल:-
– 23 वर्ष पूर्व पोकरण की धरा पर किए गए थे परमाणु परीक्षण
– 2 धमाके किए गए 11 मई को
– 3 धमाके हुए 13 मई को
– 5 धमाके किए गए परमाणु परीक्षण शृंखला के अंतर्गत
– 2.45 बजे 11 मई को किया गया था परमाणु धमाका
– 80 किमी लम्बाई में फैली है पोकरण फिल्ड फायरिंग रेंज
– 25 किमी पोकरण से दूर है खेतोलाई गांव
– 5 किमी खेतोलाई गांव से दूर है परमाणु परीक्षण स्थल