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coronavirus: सहयोग के लिए लगा भामाशाहों का तांता, बच्चों ने गुल्लक में जमा पैसे दिए

locationजैसलमेरPublished: Mar 30, 2020 08:02:02 pm

Submitted by:

Deepak Vyas

जैसलमेर. कोरोना संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम के उपायों के तहत जारी लॉक डाउन से प्रभावितों को राहत तथा इस आपदा से निपटने के लिए सहयोग करने के लिए जिला प्रशासन को आर्थिक सहयोग राशि मुहैया कराने वाले भामाशाहों, दानदाताओं और संस्थाओं का तांता लगा हुआ है।

coronavirus: सहयोग के लिए लगा भामाशाहों का तांता, बच्चों ने गुल्लक में जमा पैसे दिए

coronavirus: सहयोग के लिए लगा भामाशाहों का तांता, बच्चों ने गुल्लक में जमा पैसे दिए

जैसलमेर. कोरोना संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम के उपायों के तहत जारी लॉक डाउन से प्रभावितों को राहत तथा इस आपदा से निपटने के लिए सहयोग करने के लिए जिला प्रशासन को आर्थिक सहयोग राशि मुहैया कराने वाले भामाशाहों, दानदाताओं और संस्थाओं का तांता लगा हुआ है। कई भामाशाहों ने सोमवार को जैसलमेर जिला कलक्ट्री पहुंचकर जिला कलक्टर नमित मेहता को चैक सौंपे। सोमवार को अर्जुनदास दोयल, निवासी जालोड़ा ने 1 लाख 25 हजार रुपए का चेक दिया। जैसलमेर शहर की तानिया अली भाटी ने अपनी गुल्लक के सारे पैसे और एफडी तुड़वाकर मुख्यमंत्री सहायता कोष के लिए 51 हजार रुपए का चैक दिया। बाड़मेर के समाजसेवी हंसराज सोनी ने 1 लाख रुपए, भाटी रिसोर्ट एण्ड होटल डेजर्ट पेलेस जैसलमेर के एसके खेतान ने 1 लाख रुपए, सूरज गुजरात निवासी नवल पुत्र लीलाधर सोनी ने 50 हजार रुपए, जेतपुर, गुजरातद्ध के बंशीलाल राठी एवं सत्तो के जेएल राठी ने 50 हजार रुपए, एमआर इंडस्ट्री जैसलमेर ने 50 हजार, सलीम खान जैसलमेर ने 50 हजार रुपए, एसके स्टोन जैसलमेर ने 25 हजार रुपए और बृज कंस्ट्रक्शन एण्ड इंजीनियर्स जैसलमेर ने 51 हजार रुपए का आर्थिक सहयोग प्रदान किया है। जिला कलक्टर ने सभी का आभार जताया।
मदद के लिए नौनिहाल भी आ रहे आगे
जैसलमेर. कोरोना संक्रमण की वजह से चल रहे लॉक डाउन से प्रभावितों को हरसंभव राहत में जुटे जिला प्रशासन की मदद में भामाशाहों, दानदाताओं और संस्थाओं के साथ-साथ अब नौनिहाल भी आगे आकर हिस्सा बंटा रहे हैं। कक्षा छठी के छात्र सौम्य और नर्सरी में पढऩे वाले हितेन छंगाणी सोमवार को अपने पिता विनय छंगाणी के साथ आए और जिला कलक्टर नमित मेहता को 5100 रुपए का चेक भेंट किया। उन्होंने बताया कि यह उनके गुल्लक का संचित पैसा है, जिसे आपदा की इस घड़ी में छोटी सी मदद के रूप में स्वीकार करें।

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