तो क्या पॉलीथिन से हो रही गौधन की मौत! जानिए पूरी खबर,देखें तस्वीरें
जैसलमेरPublished: Nov 12, 2018 02:25:23 pm
फलसूण्ड मार्ग पर डाले गए कचरे, गंदगी व पॉलीथिन के खाने से गौधन की अकाल मौत हो रही है। गौरतलब है कि नगरपालिका की ओर से ट्रैक्टर व घर-घर कचरा संग्रहण टैक्सियों से कस्बे के विभिन्न वार्डों से कचरा, मलबा, पॉलीथिन की थैलियां व अन्य गंदगी एकत्र कर आबादी क्षेत्र से दो किमी दूर फलसूण्ड मार्ग पर कचरा संग्रहण स्थल पर डाली जा रही है।
तो क्या पॉलीथिन से हो रही गौधन की मौत! जानिए पूरी खबर,देखें तस्वीरें
पोकरण. कस्बे के फलसूण्ड मार्ग पर डाले गए कचरे, गंदगी व पॉलीथिन के खाने से गौधन की अकाल मौत हो रही है। गौरतलब है कि नगरपालिका की ओर से ट्रैक्टर व घर-घर कचरा संग्रहण टैक्सियों से कस्बे के विभिन्न वार्डों से कचरा, मलबा, पॉलीथिन की थैलियां व अन्य गंदगी एकत्र कर आबादी क्षेत्र से दो किमी दूर फलसूण्ड मार्ग पर कचरा संग्रहण स्थल पर डाली जा रही है। यहां इस कचरे में सड़े गले फल सब्जियां व अन्य खाद्य सामग्री भी होती है। जिसे खाने के लिए कस्बे की पशुधन यहां पहुंच जाते है, जो दिनभर यहां कचरे के ढ़ेर पर मंडराते रहते है। वे बासी खाद्य पदार्थों को खाते समय पॉलीथिन की थैलियां व अन्य गंदगी भी निगल जाते है। जिससे यहां दर्जनों पशुओं की मौत हो रही है।
कचरे के ढेर के पास गौ धन के दर्जनों कंकाल
अकाल की स्थिति होने के कारण कस्बे के आसपास जंगलों में पशुचारा नहीं होने के कारण कस्बे व आसपास के गांवों व ढाणियों से पशुधन यहां आते है तथा कचरा, कागज व उनमें रखी खाद्य सामग्री खाकर अपना गुजारा करते है। कचरे के साथ पशु पॉलीथिन की थैलियां व अन्य पदार्थ भी खा जाते है, जिससे उनकी मौत हो जाती है। फलसूण्ड रोड के पूर्व व बाईपास राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 125 के उत्तर दिशा में दर्जनों की संख्या में मरी गायों के कंकाल पड़े है।
पॉलीथिन बन रहा काल
कस्बे व आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में पशु कचरे के ढेर पर कुछ खाने के लिए आते है। सड़े गले खाद्य पदार्थों के साथ ये पशु पॉलीथिन का भी सेवन कर जाते है, लेकिन आसपास क्षेत्र में चारा पानी नहीं होने के कारण पशु वहीं पर कुछ दिन बाद दम तोड़ देते है। शनिवार को जानकारी मिलने पर उन्होंने मौके पर पहुंचकर कुछ गायों को गौशाला लाकर चारा भी डाला। नगरपालिका को चारदीवारी के अंदर कचरा डालने व बेसहारा पशुओं के लिए चारे पानी की व्यवस्था करनी चाहिए।
महेन्द्र थानवी, व्यवस्थापक चैन पब्लिक गौशाला, पोकरण।