जैसलमेर जिला मुख्यालय से 42 किलोमीटर दूरी पर स्थित सम सेंड ड्यून्स में बुधवार 24 तारीख रात को आए तूफान उस समय समूचे पश्चिमी राजस्थान में बन साइक्लोनिक सर्कुलेशन का नतीजा रहा। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो इस कुदरती प्रभाव के चलते सम के विशाल थार रेगिस्तान में स्थानीय थंडर स्ट्रोम एक्टिविटी बनी। ‘डाऊन ड्राफ्ट’ के चलते कमरे जैसे मजबूत टेंट गैस भरे गुब्बारे के जैसे जमीन से ऊपर उठ कर उड़ गए।
दो दिन पहले सम सेंडड्यून्स पर तबाही मचाने वाले तूफान के कारणों की पत्रिका की ओर से की गई पड़ताल में यह जानकारियां सामने आई हैं। उधर, बुधवार को कुदरती कहर ने एकबारगी सम क्षेत्र के रिसोट्र्स संचालकों व स्थानीय प्रशासन को सकते में डाल दिया है, क्योंकि जानकरों के मुताबिक रेत के समंदर में अचानक होने वाली घटना का पूर्वानुमान और निपटने के इंतजाम संभव नहीं है।
इसलिए सम में कहर बरपा – मानसून की विदाई के बाद पश्चिमी विक्षोभ के हालात बनते हैं।
– आकाश से अत्यंत बारीक पानी की बूंदे ठंडी हवा के साथ जमीन पर गिरने के करीब आती है, तब जमीन की गर्म हवा का उससे मेल हो जाता है।
– इस वजह से अचानक बारिश, ओलावृष्टि अथवा तेज हवाओं का सिलसिला बनता है।
– सम क्षेत्र चूंकि पूरा रेगिस्तानी इलाका है, जहां पेड़-पौधे और अन्य वनस्पतियां लगभग नगण्य हैं।
– ऐसे में डाऊन ड्राफ्ट गतिविधि के कारण रेत बवंडर के रूप में ऊपर उठी।
– इसके प्रहार से रिसोट्र्स में लगे टेंट हाइड्रोजन गैस भरे गुब्बारे के जैसे उखड़ कर उड़ गए।
उदयपुर कुछ क्षेत्रों में हल्की बारिश वहीं उदयपुर में भी शनिवार को सुबह से बादलों की आवाजाही बनी रही। सुबह से कभी तेज धूप तो कभी बादलों की ओट में सूरज के छिपने का दौर चला। पिछले दो दिन से उदयपुर के आसमान में बादल छितराए हुए हैं। वहीं शहर के कुछ क्षेत्रों में हल्के छीेंटे भी गिरे तो जिले के कुछ क्षेत्रों में हल्की बारिश भी हुई।
शहर में शनिवार को भी सुबह से बादलों का डेरा रहा। छितराए हुए बादल सफेद रुई जैसे प्रतीत हुए। इधर दोपहर को तेज धूप से हल्के बादलों ने राहत प्रदान की। इस दौरान शहर के कुछ क्षेत्रों में हल्के छींटे गिरे। यह क्रम पांच से दस मिनट तक चला। शहर के देहलीगेट, बापूबाजार, सूरजपोल, चेटक सर्किल सहित कई जगहों पर हल्के छींटे गिरे। इधर, शहर में रात को गुलाबी ठंड का अहसास बढ़़ गया है। रातें अब ठंडी होने लगी हैं तो वहीं अलसुबह भी सर्दी का असर शुरू हो गया है।