scriptJaisalmer News- प्रतिबंधित मांझे से पक्षियों की मौत, किशोर व बच्चे हो रहे चोटिल, फिर भी बाजार में… | Death of birds restricted string teens and children are injured | Patrika News

Jaisalmer News- प्रतिबंधित मांझे से पक्षियों की मौत, किशोर व बच्चे हो रहे चोटिल, फिर भी बाजार में…

locationजैसलमेरPublished: Dec 21, 2017 10:43:01 am

Submitted by:

jitendra changani

प्रतिबंधित मांझे ने बदला रूप, काट रहा अंग, पतंग और पंख…-रोक लगी तो निकाला नया रास्ता-चाइनीज मांझा अब मेड इन इंडिया की पैकिंग में उपलब्ध

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जैसलमेर. सरहदी जैसलमेर जिले में मकर सक्रांति पर्व के मौके पर आकाश की सैर करने वाली पतंगों की डोर के रुप में काम आ रहा मांझा इन दिनों स्वच्छंद विचरण करने वाले पक्षियों की मौत का कारण बनने के साथ पतंगबाजी कर रहे युवाओ, किशोरों व मासुम बच्चों को चोटिल कर रहा है, बावजूद इसके स्वर्णनगरी में प्रतिबंधित मांझे की बिक्री पर अंकुश लगाने की कार्यवाही नहीं की जा रही। गौरतलब है कि बाजार में बिक रहे प्रतिबंधित चाइनीज मांझे ने अब अपना रूप बदल दिया है। ऐसे में प्रशासन और आप इसे मुश्किल ही पकड़ पाएं। दुकानों पर अब यह ‘मेड इन इंडिया’ की पैकिंग में उपलब्ध है। नायलॉन से बने इस मांझे पर कांच और लौह कण लगे होते हैं। ऐसे में पतंग उड़ाने वाला ‘पेच’ तो जीत जाता है, लेकिन कभी खुद को तो कभी किसी और को चोटिल भी कर देता है। आसमान में इसकी चपेट में आने से पक्षी घायल हो जाते हैं। वहीं लौह तत्व के कारण विद्युत तार से टकराने पर कई बार झटका भी लग जाता है। यह मांझा मुख्य बाजार, कुलू के हटों के पास तथा शहर की कई दुकानों पर आसानी से मिल जाता है।


जल्द कार्रवाई करेंगे
प्रतिबंधित मांझे को लेकर मुझे यह जानकारी नहीं थी। अगर ऐसा है तो जल्द ही कार्रवाई करेंगे।
– हंसमुख कुमार, उपखंड अधिकारी, जैसलमेर

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बैंगलूरु से आ रहा मांझा
शहर में बिकने वाला प्रतिबंधित मांझा बैंगलूरु से आता है। पहले यह चाइना की पैकिंग में आता था, लेकिन उस पर रोक लगने के बाद व्यापारियों ने इसकी पैकिंग बदल दी। अब यह ‘मेड इन इंडिया’ के लेबल से बाजार में खूब बिक रहा है।
आधी कीमत और टूटता भी नहीं
देशी मांझा सूत का बना होता है। ऐसे में यह कहीं अटकने पर जल्द ही टूट जाता है। वहीं इस मांझे में नायलोन, कांच तथा लोहे का उपयोग होने से यह टूटता नहीं तथा चपेट में आने वाले को नुकसान पहुंचा देता है।
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उड़ती डोर पकड़ी तो कट गई उंगली
खत्री मौहल्ले में बुधवार को जयंत अपने घर की छत पर परीक्षा की तैयारी कर रहा था। इस दौरान पास में ही कोई पतंग आकर गिरा। उसने जैसे ही पतंग उठाने के लिए डोर पकड़ी तो वह उंगली को चीरते हुए अंदर घुस गई। घाव इतना गहरा था कि उससे तेज खून बहने लगा। इसके बाद परिजन उसे तत्काल अस्पताल ले गए। यहां चिकित्सकों ने पट्टी लगा उपचार किया।
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चिक्की दी तो चपेट में आया हाथ
ऐसे ही इसी मौहल्ले में रहने वाला मोहक अपने दोस्तों के साथ पतंग उड़ा रहा था। पतंग उड़ाने के लिए दोस्त ने उसे चिक्की देने के लिए कहा, लेकिन इसी दौरान उसका हाथ डोर की चपेट में आ गया। इससे उसका हाथ छिल गया। परिजन उसे तत्काल अस्पताल ले गए। ऐसे ही शहर में रोजाना बड़ी संख्या में घटनाएं हो रही है। लेकिन कार्रवाई के अभाव में इस पर लगाम नहीं लग रही है।
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