scriptसम व जैसलमेर ब्लॉकों के लिए कोरोना जागरूकता जत्थों की रवानगी | Departure of corona awareness batches for Sam and Jaisalmer blocks | Patrika News

सम व जैसलमेर ब्लॉकों के लिए कोरोना जागरूकता जत्थों की रवानगी

locationजैसलमेरPublished: Oct 16, 2021 08:11:25 pm

Submitted by:

Deepak Vyas

सम व जैसलमेर ब्लॉकों के लिए कोरोना जागरूकता जत्थों की रवानगी

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जैसलमेर. यूनिसेफ भारत के सहयोग से सोसायटी टू अपलिफ्ट रूरल इकोनोमी, श्योर की ओर से चलाए जा रहे कोरोना जागरूकता कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को जैसलमेर जिला कलेक्टर आशीष मोदी ने जिले के दो ब्लॉकों जैसलेर और सम के लिए कोरोना जागरूकता रथों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर अपने संबोधन में जिला कलेक्टर आशीष मोदी ने कहा कि स्थानीय बोली और लोकशैली के जरिए कोरोना जागरूकता न केवल, एक अभिनव प्रयास है, बल्कि यह एक प्रभावी पहल भी है। जिला कलेक्टर ने कहा कि किसी भी कार्यक्रम की सफलता के लिए लोगों का अधिकाधिक जुड़ाव जरूरी है और यह तभी संभव है, जब उनसे उनकी भाषा, उनकी शैली और बोली में संवाद किया जाए, ऐसे में हम पूरे विश्वास के साथ कह सकते है कि स्थानीय बोली और लोकशैली के जरिए कोरोना जागरूकता के सकात्मक परिणाम मिलेगें। यूनिसेफ और श्योर के प्रयासों की सराहना करते हुए जिला कलेक्टर ने कहा कि दोनों संस्थाओं के पास जनजागरूकता का एक बड़ा अनुभव है और उनका यही अनुभव निश्चित्त तौर पर सीमाई क्षेत्रों, खास तौर दूरस्थ ग्रामीण इलाकों में कोरोना के संबध में जनजागरण में महत्ती भूमिका निभाएगा। मोदी ने कहा कि कोरोना की भयावहता को हम सभी देख चुके है, ऐसे में कोरोना को लेकर सजगता बहुत जरूरी है और जनजागरण के माध्यम से ही लोगों को कोरोना के संबध में जागरूक किया जा सकता है। मोदी ने कहा कि हमें लोगों को समझाना होगी कि कोरोना को लेकर सजग रहना है, कोरोना से जुड़े नियमों की पालना करनी है और खास तौर पर टीकाकरण को प्राथमिकता देनी होगी। उन्होंने कहाकि टीकाकरण से ही कोरोना से बचाव हो सकता है, इसलिए हमें खुद भी टीका लगवाना और अपने आस-पास दूसरों को भी टीकाकरण के लिए प्रेरित करना है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कुणाल साहु ने कहा कि हम जितना जल्दी से जल्दी से लोगों के बीच कोरोना टीकाकरण से जुड़ी भ्रांतियों को दूर कर शत-प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य हासिल करेगेंए कोरोना से बचाव में यह एक बड़ी उपलब्धि होगी। श्योर की संयुक्त सचिव लता कच्छवाह ने बताया कि यूनिसेफ भारत के सहयोग से श्योर द्वारा गांव.ढाणी तक स्थानीय लोक कलाकारों की मदद से स्थानीय बोली और लोकशैली के जरिए कोरोना जागरूकता की पहल शुरू की गई है। इसके तहत स्थानीय कलाकारों को लोक संगीत, लोकगीतों और नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से लोगों कोरोना प्रोटोकोल की जानकारी देने, कोरोना टीकाकरण के लिए प्रेरित करने के लिए और इससे जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने के लिए जनचेतना जगाने का प्रशिक्षण दिया गया है। उन्होंने बताया कि बाड़मेर के साथ ही जैसलमेर, सिरोही और डूंगरपुर के 10 ब्लॉकों में स्थानीय बोली और लोकशैली के जरिए कोरोना जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे।
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