कम पानी से अधिक पैदावार की तकनीक बताई
जैसलमेरPublished: Feb 06, 2021 07:32:09 pm
– कैच द रैन के तहत वेबिनार
कम पानी से अधिक पैदावार की तकनीक बताई
जैसलमेर। नेहरू युवा केंद्र जैसलमेर की ओर से कैच द रैन कार्यक्रम के तहत वेबिनार का आयोजन किया गया। जिसमें ग्रामीण युवाओं ने भाग लिया। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. दीपक चतुर्वेदी ने मुख्य वक्ता के रूप में जल संरक्षण पर विचार प्रकट करते हुए प्रति बूंद अधिक पैदावार की तकनीकी जानकारी दी। उन्होंने ड्रिप और स्प्रिंकलर इरिगेशन, कम पानी वाली दलहन और तिलहन किस्मों और मरुस्थली क्षेत्र में बागवानी खेती की संभावनाओं को बताया।
मरु लोक सांस्कृतिक केंद्र के संस्थापक नन्दकिशोर शर्मा ने जैसलमेर में जल संरक्षण के इतिहास और वर्तमान विषय पर बात करते हुए खारी, कुओं, बावड़ी, तालाब, खड़ीन आदि के बारे में जानकारी देकर जल संरक्षण के स्रोतों और संस्कृति के बारे जानकारी दी। उन्होंने बदलते परिवेश में जल संरक्षण की कमजोर होती परंपराओं और जल के दुरुपयोग पर चिंता प्रकट करते हुए वर्षा जल संचयन का आह्वान किया। असिस्टेंट प्रोफेसर श्रद्धानंद कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय छगनलाल बलोच ने भारत में जल की स्थिति पर बात करते हुए बताया कि भारत में प्रति व्यक्ति जल उपलब्धता वैश्विक औसत से कम है। बढ़ती हुई जनसंख्या से जल संसाधनों पर लगातार दबाव बढ़ रहा है इसलिए जल संरक्षण के उपाय अपनाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने जल संरक्षण में जन सहभागिता के महत्व को रेखांकित करते हुए युवा मंडल सदस्यों को इस कार्य में आगे आने के लिए कहा। कार्यक्रम का संचालन करते हुए जिला युवा अधिकारी फतेह लाल भील ने बताया कि कैच द रैन कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य वर्षा जल को संरक्षित कर जल संरक्षण को बढ़ावा देना है। कार्यक्रम में युवा स्वयंसेवक जोरावर सिंह, महिपाल सिंह, इकबाल, दिलीप सिंह, सुरजाराम, मनोहर लाल, कमल कुमार, ठाकुर गर्ग, पवन सिंह, जेठाराम आदि युवाओं ने भाग लिया।