डेजर्ट कैट का कुनबा मिलने पर खुश वन्यजीव प्रेमी
जैसलमेरPublished: Jul 05, 2022 06:00:38 pm
डेजर्ट कैट का कुनबा मिलने पर खुश वन्यजीव प्रेमी
डेजर्ट कैट का कुनबा मिलने पर खुश वन्यजीव प्रेमी
जैसलमेर जिले के प्राचीन देगराय ओरण में डेजर्ट कैट जिन्हें स्थानीय बोली में रोही बिल्ली कहा जाता है, का कुनबा दिखाई देने पर वन्यजीव प्रेमियों ने खुशी जताई है। यह फोटो उपलब्ध करवाते हुए पर्यावरण प्रेमी सुमेरसिंह भाटी ने बताया कि इस ओरण में कुल आठ की संख्या में बिल्लियों का परिवार मिला है। उन्होंने बताया कि यह बिल्लियां धीरे-धीरे लुप्त हो रही हैं। भाटी ने बताया कि अब वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर्स का रुझान देगराय ओरण की तरफ बढ़ रहा है। गौरतलब है कि रेगिस्तानी क्षेत्रों में जंगली बिल्ली की संख्या लगातार कम होने के कारण लुप्त होने के कगार पर पहुंच चुकी है। यह बिल्ली मरुस्थलीय क्षेत्रों की मिनी शेरनी भी कही जाती है। वन्यजीव विशेषज्ञों की मानें तो डेजर्ट केट की भूमिका मरुस्थलीय क्षेत्र में चूहों और कई तरह जीवों की संख्या को नियंत्रण करने की रहती है। ऐसे में वहां ईकोलोजी सिस्टम भी बेहतर रहता है। विशेषज्ञों की मानें तो रेगिस्तानी क्षेत्रों में विकास और बढ़ते जैविक दबाव के कारण जंगली बिल्लियों की संख्या कम हो रही है। इसके अलावा इनकी आकर्षक खाल के कारण यह शिकारियों की नजरों में रहती है।
खिल उठा सौंदर्य – जैसलमेर के गजरूपसागर क्षेत्र में स्थित तालाब का नजारा इन दिनों अलग ही नजर आ रहा है। तालाब में खिले कमल के फूल दूर से ही हर किसी को रिझा रहे है। जिला मुख्यालय से केवल से 5 किलोमीटर दूर गजरूप सागर तालाब में इन फूलों के कारण सौंदर्य खिला हुआ नजर आ रहा है। पर्यटन और दर्शनीय स्थल पर गजरूप सागर अपनी पहचान बना चुका है।