95 केन्द्रों को स्वयं के आंगन का इंतजार पोकरण (जैसलमेर). एक ओर जहां आमजन को घर देने के लिए योजनाएं चल रही है, वहीं महिलाओं और बच्चों के सर्वांगिण विकास के लिए स्थापित पोकरण क्षेत्र के 95 आंगनबाड़ी केन्द्रों को स्थापना से अब तक स्वयं के भवन का इंतजार है। अभी के हालात यह है कि यह केन्द्र दूसरों से उधारी में मिले में मिले अन्य सरकारी विभागों के भवनों में आंगनबाड़ी केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है। विशेष रूप से आंगनबाड़ी केन्द्रों को पास के विद्यालयों में कमरे दिए गए है, जिससे विद्यालयों का एक कमरा आंगनबाड़ी केन्द्र को दिए जाने से विद्यार्थियों की बैठक व्यवस्था प्रभावित हो रही है।
पोकरण क्षेत्र में 95 भवनों का अभावपोकरण के सांकड़ा ब्लॉक में 283 आंगनबाड़ी केन्द्र कार्यरत है। जिसमें से 188 केन्द्र स्वयं के भवनों में संचालित है। जबकि शेष 95 आंगनबाड़ी केन्द्र पास के सरकारी भवनों या विद्यालयों में संचालित हो रहे है। ये आंगनबाड़ी केन्द्र आज भी स्वयं के आंगन का इंतजार कर रहे है और केन्द्र पर नामांकित बच्चों को दूसरों के भवनों में बिठाया जा रहा है। आंगनबाड़ी केन्द्रों के पास स्वयं के भवन नहीं होने से उन्हें दूसरे भवनों की शरण लेनी पड़ रही है।
विद्यालयों में होती है परेशानीभवनों के अभाव में आंगनबाड़ी केन्द्रों को पास स्थित सरकारी विद्यालय में संचालित किया जाता है। आमतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित सरकारी विद्यालयों में कक्षा कक्षों की कमी रहती है। जिससे विद्यार्थियों को बिठाने में भी परेशानी होती है। ऊपर से आंगनबाड़ी केन्द्रों को भी विद्यालयों में शिफ्ट कर दिए जाने से एक-दो कमरे उन्हें देने पड़ते है, जो विद्यालय प्रशासन के लिए कोढ में खाज का
काम करते है।
चल रही है व्यवस्थाक्षेत्र में कई आंगनबाड़ी केन्द्रों के भवन निर्मित है। जिन आंगनबाड़ी केन्द्रों के पास स्वयं का भवन नहीं है, उन्हें पास के विद्यालय में संचालित किया जा रहा है, जिससे व्यवस्था चल रही है।
भैराराम गेंवा, परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग, पोकरण।
फैक्ट फाइल:-– 283 आंगनबाड़ी केन्द्र पोकरण क्षेत्र में है कार्यरत
– 188 केन्द्रों के पास है स्वयं का भवन
– 95 केन्द्र होते है अन्य भवनों में संचालित