पारिस्थिति की संतुलन के लिए जैव विविधता का संरक्षण जरूरी : डॉ गोयल जैसलमेर . प्रत्येक जीव, पादप, कीट पारिस्थितिकी संतुलन के लिए महत्वपूर्ण है। ऐसे में किसी एक के भी विलुप्त होने पर भयानक अंसतुलन उत्पन्न हो सकता है। मनुष्य सभी जीवों में सर्वाधिक बुद्धिमान है और पृथ्वी का सर्वाधिक दोहन भी उसी ने किया है। अत: यह एक मात्र जिम्मेदारी मनुष्य पर ही है कि वह किसी भी परिस्थिति में जैव विविधता तथा पारिस्थितिकी संतुलन को प्राथमिकता के साथ बनाए रखे। यह विचार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पूर्णकालिक सचिव ने जिला शिक्षक एवं प्रशिक्षण संस्थान में आयोजित विशेष शिक्षक प्रशिक्षण के दौरान कही। शिविर में 200 से अधिक शिक्षकों व विद्यार्थियों ने भाग लिया। पूर्णकालिक सचिव डॉ. महेन्द्र कुमार गोयल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर्यावरण संतुलन और जैव विविधता के प्रति आमजन को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है, ताकि हम जागरूक होकर इसे संरक्षित और संवर्धित कर सकें। पर्यावरण संरक्षण के प्रयास हर स्तर पर पूरी दुनिया में हो रहे हैं। पर्यावरण संरक्षण केवल सरकार या संस्थाओं की ही नहीं अपितु प्रत्येक व्यक्ति की मौलिक जिम्मेदारी है। इसके लिए हमें अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए।
जैव विविधता को सिर्फ वन, वन्यजीव और कुछ विशेष प्रजाती के पड़ों तक सीमित रखना उचित नहीं है। जैव विविधता एक व्यापक विचार है, जो मौसमी कीटों से लेकर फसलों, पालतू पशुओं और औषधी पादपों तक फैला हुआ है। इसके अतिरिक्त उन्होंने शिविर में पीडि़त प्रतिकर स्कीम के माध्यम से प्रतिकर प्राप्त करने की प्रक्रिया, मध्यस्थता व
लोक अदालत के प्रावधान तथा बाल विवाह निषेध अधिनियम, जल संरक्षण तथा पर्यावरण को नुकसान पंहुचाने वाली पॉलीथिन के रोकथाम आदि के बारे में जानकारियां दी।