-860 साल से ज्यादा पुराना है ऐतिहासिक सोनार किला
-450 घरों से अधिक मकान बने हुए है किले के भीतर
-02 वार्ड में विभक्त है सोनार दुर्ग नगरपरिषद क्षेत्र में
-99 बुुर्जों के कारण दुर्ग का आकर्षण आज भी जवां
जैसलमेर. जैसलमेर स्थित ऐतिहासिक सोनार दुर्ग में 62 मकानों को जर्जर और क्षतिग्रस्त मानते हुए नगरपरिषद जैसलमेर की ओर से संबंधित मकान मालिकों को गत फरवरी माह में नोटिस जारी किए गए थे। नोटिस में कहा गया कि उनका मकान खतरनाक व व गिरने की स्थिति में है। जिससे ये मकान गिरकर आम राहगीर या पड़ोसियों को जान.माल का नुकसान पहुंचा सकता है। उधर, नगरपरिषद की ओर से जर्जर मकानों के संबंध में नोटिस जारी किए जाने के बीच हकीकत यह भी है कि खुद दुर्गवासी ही अपने घरों की जरूरी मरम्मत या क्षतिग्रस्त भाग के निर्माण के लिए अनुमति की मांग कर रहे हैं, लेकिन अनुमति नहीं मिल रही।
वर्ष 1155 ईस्वी सन में बने व आठ शताब्दियों के गवाह इस धरोहर के मनलुभावन पीले पत्थरों के कारण जितना महत्व है, उतनी ही प्रसिद्धि है, इसके लिविंग फोर्ट होने की। माना जाता है कि यह विश्व का एकमात्र किला है जो महारावलों के सुख.सुविधा तक ही सीमित नहीं रहाए बल्कि जनता ने भी इसमें रहने का गौरव हासिल किया। नगरपालिका क्षेत्र के वार्ड संख्या 16 व 17 में विभक्त सोनार दुर्ग में करीब 450 परिवार निवास करते हैं है।