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JAISALMER NEWS- हड़ताल ने विस्फोट पर अंकुश लगाने वाली इस बड़ी योजना का बेड़ा किया गर्क

locationजैसलमेरPublished: Jan 20, 2018 08:21:16 pm

Submitted by:

jitendra changani

डॉक्टर्स की हड़ताल ने परिवार कल्याण कार्यक्रम का किया ‘अकल्याण’-दिसम्बर माह तक जिला 52 फीसदी उपलब्धि ही कर पाया हासिल

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जैसलमेर. राजस्थान के सबसे ज्यादा प्रजनन दर वाले चौदह जिलों में शुमार जैसलमेर में पिछले वर्ष के आखिरी तीन महीनों के दौरान चिकित्सकों की ओर से की जाने वाली हड़तालों ने परिवार कल्याण कार्यक्रम को बुरी तरह से प्रभावित किया है। चिकित्सकों के हड़ताल पर रहने के दौरान जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर नसबंदी ऑपरेशन के लिए शिविर आयोजित नहीं किए जा सके, जिसका नतीजा यह रहा कि, चालू वित्त वर्ष के नौ महीनों में गत दिसम्बर माह तक नसबंदी के कुल लक्ष्य का 52.34 फीसदी लक्ष्य ही अर्जित किया जा सका।अब सामान्य हुए माहौल में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को चालू वर्ष की अंतिम तिमाही में ताबड़तोड़ ढंग से काम करने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
लक्ष्य और मौजूदा हालात
जानकारी के अनुसार जैसलमेर जिले को वर्ष2017-18 के दौरान 3397 नसबंदी के ऑपरेशन करने का लक्ष्य दिया गया है।जिसकी तुलना में 31 दिसम्बर 2017 तक विभाग 1778 ऑपरेशन कर सका।यह लक्ष्य का 52.34 फीसदी है।पुरुष नसबंदी के मामले में जैसलमेर जिला एक बार फिर फिसड्डी साबित होने जा रहा है।339 पुरुषों की नसबंदी के लक्ष्य के विरुद्धअब तक केवल 5 जनों ने ही आगे आकर परिवार कल्याण का मंत्र अपनाया है।इनमें से 3 जने एयरफोर्स के कार्मिक बताए जाते हैं।हालांकि बीते वर्ष के दौरान जिले में केवल एक पुरुष ने ही नसबंदी ऑपरेशन करवाया था।शिक्षा के पर्याप्त प्रसार के बावजूद शहरी क्षेत्रों में भी परिवार कल्याण कार्यक्रम में भागीदारी के लिए पुरुष आगे नहीं आ पा रहे हैं।इससे पुरुष नसबंदी के मामले में जिले के पिछड़ेपन के लिए शिक्षा के अभाव का अब तक चला आ रहा मिथक टूटा है।
मिशन में शामिल जिला
3.2 प्रजनन दर के चलते जैसलमेर जिला राजस्थान के 14 ऐसे जिलों में शामिल हैं, जहां महिलाओं में प्रजनन दर 3 या इससे अधिक है।इन जिलों में स्वास्थ्य विभाग की ओर से मिशन परिवार विकास चलाया जा रहा है।वर्ष 2016 से काम कर रहे इस मिशन के अंतर्गत चयनित जिलों में नसबंदी ऑपरेशन करवाने पर ज्यादा प्रोत्साहन राशि दी जाती है और परिवार कल्याण कार्यक्रम तुलनात्मक रूप से अधिक सघनता से चलाया जाता है।वैसे प्रजनन दर के मामले में पड़ोसी बाड़मेर और धौलपुर आदि से जैसलमेर बेहतर स्थिति में है।इन जिलों में यह दर 4 से अधिक बताई जाती है।
ऐसे चलता है कार्यक्रम
परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत जिले के प्रत्येक सामुदायिक चिकित्सा केंद्र में महीने में 2 और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर 1 बार नसबंदी शिविर आयोजित किया जाता है।इसके अलावा जिला मुख्यालय के जवाहर चिकित्सालय व पोकरण चिकित्सा केंद्र में प्रतिदिन यह सेवा उपलब्ध करवाई जाती है।बच्चों के जन्म में अंतराल सुनिश्चित करने के लिए कॉपर-टी जैसी सेवाएं भी सुलभ करवाई जा रही है।पिछले अर्से से जैसलमेर, पोकरण, सांकड़ा, रामगढ़ और नाचना में इच्छुक महिलाओं के अंतरा इंजेक्शन भी लगाए जा रहे हैं।वैसे जनवरी से परिवार कल्याण कार्यक्रम में विभाग तेजी ला रहा है।जिसके चलते नसबंदी के कुल लक्ष्य में गत 18 जनवरी तक 58 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है।प्रसव के तुरंत बाद लगाई जाने वाली कॉपर-टी के मामले में 72 फीसदी लक्ष्य हासिल किया जा चुका है।उल्लेखनीय है कि गत वर्ष जैसलमेर जिला परिवार कल्याण कार्यक्रम के क्रियान्वयन में राज्य भर में पांचवें स्थान पर रहा था।जिसके लिए कलक्टर और सीएमएचओ को सरकार ने पुरस्कृत भी किया था।
फैक्ट फाइल –
-52 फीसदी लक्ष्य दिसम्बर तक अर्जित
-05वां स्थान रहा था राज्य में पिछले वर्षजैसलमेर का
-08 लाख करीब है जिले की आबादी

गति लाई जा रही है
चिकित्सकों की हड़ताल के चलते गत वर्ष की अंतिम तिमाही में परिवार कल्याण कार्यक्रम प्रभावित हुआ था।अब स्थितियां सामान्य होने के चलते इस कार्य में गति लाई जा रही है।उम्मीद है, दिए गए लक्ष्य प्राप्त कर लिए जाएंगे।
-डॉ. आरपी गर्ग, डिप्टी सीएमएचओ (परिवार कल्याण), जैसलमेर
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