हादसे का डर तो पानी भी हो रहा दूषित, डी-फ्लोराइडेशन संयंत्र भी खराब
रामदेवरा गांव के बृजपुरा बस्ती में निर्मित जीएलआर गत लम्बे समय से क्षतिग्रस्त होने के कारण यहां हादसे की आशंका बनी हुई है। गौरतलब है कि वर्षों पूर्व जलदाय विभाग की ओर से बृजपुरा बस्ती में एक जीएलआर का निर्माण करवाया गया था। निर्माण के बाद एक बार भी इसकी मरम्मत नहीं की गई है। ऐसे में जीएलआर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है। इसकी दीवारों में आई दरारों के कारण पानी का रिसाव हो रहा है। इस जीएलआर का छत भी गत दो वर्ष पूर्व टूटकर इसके भीतर गिर चुका है। यहां निर्मित पशुखेली भी क्षतिग्रस्त हालत में है।
रामदेवरा गांव के बृजपुरा बस्ती में निर्मित जीएलआर गत लम्बे समय से क्षतिग्रस्त होने के कारण यहां हादसे की आशंका बनी हुई है। गौरतलब है कि वर्षों पूर्व जलदाय विभाग की ओर से बृजपुरा बस्ती में एक जीएलआर का निर्माण करवाया गया था। निर्माण के बाद एक बार भी इसकी मरम्मत नहीं की गई है। ऐसे में जीएलआर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है। इसकी दीवारों में आई दरारों के कारण पानी का रिसाव हो रहा है। इस जीएलआर का छत भी गत दो वर्ष पूर्व टूटकर इसके भीतर गिर चुका है। यहां निर्मित पशुखेली भी क्षतिग्रस्त हालत में है।
जीएलआर का छत नहीं होने के कारण प्रतिदिन कचरा व गंदगी उडकऱ इसमें जमा हो रही है। इस जीएलआर में कभी कभार ही जलापूर्ति होती है। ऐसे में जब भी यहां पानी आता है, गंदगी व कचरे के कारण दूषित हो जाता है। इस जीएलआर की समय पर सफाई नहीं की जा रही है। जिससे ग्रामीणों को मजबूरन दूषित पानी पीना पड़ रहा है अथवा 500 से 600 रुपए प्रति ट्रैक्टर टंकी रुपए देकर पानी खरीदकर मंगवाना पड़ रहा है।
यहां संयंत्र भी खराब
गांव सहित आसपास क्षेत्र में जलदाय विभाग की ओर से गोमट गांव के नलकूपों से जलापूर्ति की जाती है। इन नलकूपों के पानी में फ्लोराइड की मात्रा अधिक है। ऐसे में जलदाय विभाग की ओर से फ्लोराइड की मात्रा कम करने के लिए जगह-जगह डी-फ्लोराइडेशन संयंत्र लगाए गए है। बृजपुरा बस्ती में स्थित जीएलआर पर भी डीफ्लोराइडेशन संयंत्र लगाया गया था।यह संयंत्र गत लम्बे समय से खराब पड़ा है।