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सूखी जीएलआर, खाली पशखेली और मायूस ग्रामीण

locationजैसलमेरPublished: Sep 24, 2020 09:36:43 am

Submitted by:

Deepak Vyas

-रामदेवरा क्षेत्र की ढाणियों में वर्षों से बरकरार है पेयजल समस्या

सूखी जीएलआर, खाली पशखेली और मायूस ग्रामीण

सूखी जीएलआर, खाली पशखेली और मायूस ग्रामीण

जैसलमेर/रामदेवरा. जिले के सरहदी ग्रामीण क्षेत्रों में आजादी के 70 वर्ष बाद भी पीने के पानी को लेकर विकट समस्या बनी हुई है। पूर्व के वर्षों में जहां पानी के अभाव के कारण इस क्षेत्र को काले पानी की सजा के रूप में जाना जाता था। वहीं अब भी ग्रामीण क्षेत्रों में पेजयजल समस्या बनी हुई है। ऐसे में गर्मी के सीजन सहित अन्य दिनों में पानी के लिए लोगों को दर.दर भटकना पड़ता है। राज्य सरकार की तरफ से पीने के पानी के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में जीएलआर अवश्य बनाई गई है, लेकिन उन जीएलआर में पानी की एक बूंद भी नहीं टपकती। ऐसे में अब भी लोगों को मुंह मांगे दामों पर पानी के टैंकर डालकर ही अपनी आपूर्ति करनी पड़ती है।
दूर-दराज ढाणियों में नहीं पहुंचता पानी
जैसलमेर जिले के अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग आज भी दूरदराज के ढाणियों में ही निवास करते हैं। ऐसे में दर्जनों ढाणियों में पीने के पानी की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं होने से ग्रामीण जन आज भी आजादी के 70 वर्ष बाद अपने सिर पर घड़े रखकर पानी लाने को मजबूर है। पशु बाहुल्य क्षेत्र होने के बाद भी यहां के पशुओं को पीने के पानी उपलब्ध नहीं हो पाता इस कारण कई पशु गर्मी के सीजन में अकाल दम तोड़ देते हैं।
ग्रामीण क्षेत्र के समस्त जीएलआर सूखे
जैसलमेर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को पीने के पानी उपलब्ध करवाने के लिए पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा ढाणी व अन्य स्थानों पर सार्वजनिक जीएलआर का निर्माण कराया गया था ताकि वहां के लोग पीने के पानी के लिए दर-दर नहीं भटके। हकीकत यह है कि अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में जीएलआर अवश्य बने हुए हैं, लेकिन उसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। अधिकांश स्थान पर जीएलआर क्षतिग्रस्त व टूटे हुए हैं। जीएलआर बनने के बाद आज तक उनके तल की सफाई तक नहीं हुई है। ऐसे में उन में गंदगी का साम्राज्य बना हुआ नजर आता है। कई इलाकों में पानी की एक बूंद भी नहीं टपकती है। ऐसे में गर्मी के दिनों में ग्रामीणों व पशुओं को पीने के पानी के लिए पूर्ण रूप से पानी के टैंकर पर निर्भर रहना पड़ता है।
यहां ढाणियों के बाशिंदे पानी को तरसते
ग्राम पंचायत रामदेवरा क्षेत्र की नाथूसिंह की ढाणी, लखसिंह की ढाणी, बिडदसिंह की ढाणी, धनसिंह की ढाणी, भुट्टो की ढाणी, कल्याणसिंह की ढाणी, हापुसिंह की ढाणी, जेतासर की ढाणी, कुंडलियों की ढाणी, जालोखा, सोहनसिंह की ढाणी, डालीपुरा, दूधिया सहित आसपास के ग्रामीण अंचल व अन्य ढाणियों में भी वर्षों से पानी के लिए लोग मीठे पानी की आस में ग्रामीण बैठे हैं, जबकी मीठे पानी की पाइप लाइन रामदेवरा गांव के अंदर से होते हुए बिलिया तक व उससे आगे गई है।
पानी खरीदकर बुझा रहे प्यास
ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों को पीने के पानी की सुविधा नहीं मिल रही है। ऐसे में लोग अभी भी पानी खरीद कर अपनी प्यास बुझा रहे हैं।
-मोहन सिंह तंवर, नाथू सिंह की ढाणी, रामदेवरा
वादों से जुदा स्थिति
जनप्रतिनिधिों की ओर से यहां पेजयल सुविधा मुहैया कराने के दावे किए गए थे, लेकिन आज स्थिति वादों से एकदम जुदा है। अभी भी यहां के बाशिंदे पीने के पानी के लिए परेशान हो रहे हैं।
सोहन सिंह तंवर, कल्याण सिंह की ढाणी, रामदेवरा
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