scriptJaisalmer- परमाणु नगरी पोकरण में इस बड़े विस्फोट से आबादी हो रही… | Due to this large explosion in the nuclear city Pokan the population i | Patrika News

Jaisalmer- परमाणु नगरी पोकरण में इस बड़े विस्फोट से आबादी हो रही…

locationजैसलमेरPublished: Oct 29, 2017 05:19:23 pm

Submitted by:

jitendra changani

परमाणु नगरी में बीमारी का विस्फोट! – अस्पताल में मरीजों की भरमार, बैड के लिए सिफारिशों की कतार, जोखिम में हर रोगी की जान – रिपोर्ट में नेगेटिव, कर रहे

Jaisalmer patrika

Pokaran hospital

जैसलमेर(पोकरण). जिले के पोकरण कस्बे में स्थित सरकारी अस्पताल में डेंगू व चिकनगुनिया की जांच रिपोर्ट भले ही नेगेटिव आ रही हो, लेकिन फिर भी उपचार इसी गंभीर बीमारी का किया जा रहा है, लेकिन फिर भी आमजन के स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हो रहा है। ऐसे में गंभीर अवस्था में रोगी को जोधपुर पहुंचकर उपचार करवाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। जानकारों के अनुसार गत दो दिनों में पोकरण में नेगेटिव आने के बाद जोधपुर पहुंचने पर करीब आधा दर्जन से अधिक रोगियों के डेंगू की पुष्टी होने से यहां की जा रही जांच रिपोर्ट की हकीकत सामने आई है। जानकारों के अनुसार पोकरण अस्पताल में बढ़े बीमारों से हालात यह है कि रोगियों के जनरल वार्ड में लगे बैड ही कम पड़ रहे है। जिससे रोगी को भर्ती होने के लिए अपने साथ बैड घर से या किराए से लाने पड़ रहे है। ऐसे में इन दिनों अस्पताल में बढ़ रही बीमारी के बाद बीमारी का पकड़ में नहीं आने से रोगी व उनके परिजनों की चिंता बढ़ गई है। ऐसे में अस्पताल में भर्ती होने के बाद जांच में दिनों बीमारी का विस्फोट आमजन की जान के लिए बड़ा खतरा बन गया है।
बढ़ रहा प्रकोप
क्षेत्र में डेंगू व मलेरिया का प्रकोप तेजी से पांव पसार रहा है, लेकिन जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं देने से बीमारी पर अंकुश नहीं लग पा रहा। हालात यह है कि कस्बे में अधिकांश घरों में डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया व वायरल बुखार के रोगी मिल रहे है और बुखार नहीं टूटने से प्लेटलेट्स लगातार कम होने के बाद स्थानीय स्तर पर चिकित्सालय में पर्याप्त संसाधन नहीं होने से अधिकांश रोगी जोधपुर जाकर ्उपचार करवा रहे है।
यह बिगड़े केस
केस एक
स्थानीय दर्जियों की गली निवासी रवि राठी (22) वायरल बुखार के उपचार के लिए दो दिन भर्ती रहने के बाद भी सीबीसी जांच में डेंगू पॉजीटिव नहीं मिला, जबकि उसकी प्लेटलेट्स के टूटने का सिलसिला नहीं थमा, तो गत शुक्रवार को उसे जोधपुर ले जायया गया। जहां महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती करवाया और यहां जांच में डेंगू पॉजीटिव पाया गया।
केस दो
इसी तरह पंकज (14) के 52 हजार प्लेटलेट्स पाए जाने पर उसे संदिग्ध हालत में उसका उपचार चल रहा है। आशिफ (8) को भी निजी प्रयोगशाला में जांच के दौरान डेंगू पॉजीटिव के लक्षण पाए गए है। उसका भी उपचार किया जा रहा है।
केस तीन
चिकित्सक का पूरा परिवार डेंगू की चपेट में
कस्बे के राजकीय अस्पताल के पास जोधनगर निवासी व चिकित्साधिकारी डॉ.अनिल गुप्ता के साथ उनका पूरा परिवार बुखार व डेंगू की चपेट में है। सीबीसी जांच के दौरान उनकी प्लेटलेट्स करीब एक लाख पाई गई। राजकीय चिकित्सालय में दंत रोग विशेषज्ञ डॉ. कामिनी गुप्ता, उनके पुत्र धु्रव गुप्ता के गत चार दिनों से बुखार नहीं टूट रहा है।
सरकारी आंकड़े शून्य
इधर सरकारी अस्पताल में हुई जांच के आंकड़ों में डेंगू जांच में शून्य का आंकड़ा आ रहा है, जबकि जोधपुर में जांच करवाने में रिपोर्ट पोजिटिव आ रही है। जानकारों के अ नुसार कस्बे में डेंगू व चिकनगुनिया जैसे रोग के लक्षण होने पर चिकित्सकों की ओर से उपचार डेंगू व चिकनगुनिया का ही दिया जा रहा है। बावजूद इसके सरकारी रिकॉर्ड में डेंगू व चिकनगुनिया के आंकड़े शून्य दर्शाए जा रहे है। जबकि निजी प्रयोगशाला में सीबीसी जांच के दौरान कई मरीज डेंगू पॉजीटिव के पाए गए है, तो अधिकांश की प्लेटलेट्स अच्छी खासी कम हो जाने के बाद उन्हें स्थानीय चिकित्सकों की ओर से ही डेंगू व चिकनगुनिया का उपचार करने के बाद भी स्थानीय चिकित्सक क्षेत्र में डेंगू व चिकनगुनिया नहीं होने और बुखार में प्लेटलेट्स टूटने के अन्य कारणों का दावा कर रहे है।
बैड पड़ रहे कम
सरकारी अस्पताल में रोगियों की भरवार के चलते बैड की कमी हो गई है। जिससे रोगियों को भर्ती होने के बलए बैड अपने साथ लाना पड़ रहा है। हालात यह है कि 100 बैड के अस्पताल में 75 बैड ही लगे हुए है, जबकि प्रतिदिन 120 से अधिक मरीज यहां भर्ती होते है। अस्पताल के वार्डों में बैड रखने की जगह कम पडऩे से बरामदे में बैड लगाने पड़ रहे है।
फैक्ट फाइल
– 10 हजार वर्ग किलोमीटर पोकरण विधानसभा क्षेत्र का है क्षेत्रफल
– 300 से अधिक गांव है विधानसभा क्षेत्र में।
– 23 हजार 554 से अधिक है पोकरण शहर की जनसंख्या।
– 2.80 लाख से अधिक है पोकरण व भणियाणा उपखण्ड क्षेत्र की जनसंख्या।
– 600 से अधिक रोगी प्रतिदिन पहुंच रहे पोकरण के सामुदायिक अस्पताल में उपचार करवाने।
यह है डेंगू के लक्षण
– एडीज मच्छर के काटने से होता है डेंगू।
– तेज बुखार के साथ चक्कर आते है और सिरदर्द व बदन दर्द होता है।
– त्वचा पर लाल चकते व रेशे निकल आते है।
– आंखों में दर्द व जलन होने के साथ चेहरे पर सूजन आ जाती है।
– शरीर कमजोर व शिथिल पड़ जाता है।
– शरीर की प्लेटलेट्स कम होने लगती है।
– सितंबर से नवंबर के महिनों में फैलता है मलेरिया व डेंगू।
ऐसे करें बचाव
– कूलर व अन्य जगहों पर पानी जमा नहीं होने दें।
– शुद्ध पेयजल का सर्वाधिक सेवन करें।
– टांको में टेमीफोस डाल पानी में लार्वा पनपने से रोके।
– पानी की कमी नहीं हो इसके लिए अधिकतम मात्रा में पेय पदार्थों का सेवन करें।
– चिकित्सक की सलाह से पेरासिटामोल की दवाई लें।
– शाम के समय दरवाजें व खिड़कियां बंद रखें, ताकि मच्छर घर में प्रवेश ना कर सकें व मच्छररोधी दवा का छिडक़ाव करें।
– पपीते के रस व पपीते की छाल से बनी आयुर्वेदिक दवाई का ही उपयोग करें, ताकि प्लेटलेट्स बढ सके।
जिम्मेदारों का यह दावा
सरकारी अस्पताल की प्रयोगशाला में अब तक कोई डेंगू व चिकनगुनिया पॉजीटिव केस नहीं आया है। प्लेटलेट्स मलेरिया व वायरल बुखार में भी कम हो जाती है। दो दिन में किस निजी प्रयोगशाला में डेंगू पॉजीटिव केस आया, जिसकी उन्हें जानकारी नहीं है। पूर्व में फोगिंग स्प्रे करवाने व टांकों में टेमीफोस डालने का कार्य किया गया था। सोमवार से पुन: शुरू करवाकर बुखार से पीडि़त मरीजों का सर्वे करवाया जाएगा।
– डॉ.प्रकाश चौधरी, ब्लॉक मुख्य चिकित्साधिकारी, पोकरण।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो