गौरतलब है कि धोलिया और लाठी गांव के पास बड़ी संख्या में गोडावण गिद्ध व अन्य दुर्लभ प्रजाति के वन्यजीवों का रहवासी क्षेत्र है। पक्षी रात्रि के समय पानी पीने के लिए धोलिया, लाठी, खेतोलाई आदि गांव के तालाबों पर आते है और इसी दरम्यान हाईटेंशन तारों की चपेट में आकर मौत का शिकर हो रहे है।
नहीं है सुरक्षा के प्रबंध
गांव के तालाब के पास से निकल रही हाईटेंशन तार पर पक्षियों की सुरक्षा की दृष्टी से कोई प्रबंधन नहीं किए हुए है। इससे रात्रि में विद्युत लाईन दिखाई नहीं देने पर पक्षी उनमें उलझ कर मौत की आगोश में समा रहे है।
कईं बार हो चुकी मौत
पूर्व में विद्युत निगम के अधिकारियों की ओर से धोलिया व खेतोलाई गांव के पास विद्युत तारों पर रिफ्लेक्टरयुक्त व बर्ड डाईवर्टाटर लगाने का भरोसा दिलाया था, लेकिन कुछ जगहों पर टावर लगाने के बाद कार्य को बंद कर दिया गया जिससे यहां आए दिन तारों में उलझने से पक्षियों की मौत हो रही है।
– राधेश्याम पैमाणी संयोजक, अखिल भारतीय विश्नोई सभा