जैसलमेरPublished: Jun 28, 2023 08:06:27 pm
Deepak Vyas
- जैसलमेर में बैरन बनी विद्युत व्यवधान की समस्या
- हवा-हवाई हुए सुधार के दावे
जैसलमेर. कहने को जैसलमेर जिला मुख्यालय है और स्वर्णनगरी के नाम से विख्यात पर्यटन स्थल भी लेकिन विद्युत आपूर्ति व्यवस्था के लिहाज से देखा जाए तो कई बार यह कोई छोटा-मोटा कस्बा या बड़े गांव सरीखा हो जाता है। एक दिन पहले महज 31 मिलीलीटर बारिश से डिस्कॉम का सारा सिस्टम जिस तरह से फ्यूज वाले मोड में चला गया, उससे विभाग के जिम्मेदारों की दक्षता से लेकर कर्मठता पर सवालिया निशान लग रहे हैं। सोमवार अपराह्न बाद आई तेज गति की बारिश से डिस्कॉम के जीएसएस में पानी भर गया और कई जगहों पर फॉल्ट आ जाने से लगभग 80 फीसदी शहर की बिजली आपूर्ति व्यवस्था करीब 6 घंटों के लिए बाधित हो गई और 50 हजार से ज्यादा बाशिंदों को पहले उमस और बाद में घुप अंधेरे में किसी तरह समय व्यतीत करना पड़ा। जो साधन संपन्न हैं यानी जिनमें यहां बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए इनवर्टर हैं, उनकी बैटरी चुक गई और उन्हें भी मोमबत्ती आदि जला कर रोशनी करनी पड़ी। मोबाइल चार्जिंग से लेकर अन्य रोजमर्रा के काम प्रभावित हुए। व्यावसायिक काम-धंधे तो लगभग ठप ही हो गए। बारिश बंद होने के चार-पांच घंटे बाद भी बिजली नहीं लौटी तो उपभोक्ताओं ने ढूंढ़-ढूंढ़ कर डिस्कॉम के अधिकारियों के मोबाइल व हेल्पलाइन नम्बर्स पर सम्पर्क करने की कोशिश की लेकिन उन्हें अव्वल तो जवाब नहीं मिला और जिन्हें जवाब मिला, वह सही साबित नहीं हुआ। क्योंकि अधिकारियों ने कहा कि 15-20 मिनट से आधे घंटे में बिजली लौट आएगी और वह कई घंटों बाद करीब 10.15 बजे कहीं जाकर बहाल हो पाई। कई क्षेत्रों में आधी रात के बाद तक संकट विद्यमान रहा।
कई क्षेत्र झेल रहे रोज की परेशानी
जैसलमेर में विद्युत आपूर्ति का संकट कई क्षेत्रों के लिए रोजमर्रा की बात हो गया। विशेषकर गर्मियों के सीजन में जब खपत एकदम से बढ़ गई है, शहर की सबसे पॉश कहलाने वाली जयनारायण व्यास कॉलोनी, ऐतिहासिक सोनार दुर्ग का ज्यादातर हिस्सा, शिव मार्ग, गोपा चौक, पंसारी बाजार, पंसारी पाड़ा व उससे लगे क्षेत्र के साथ सांवल कॉलोनी के कुछ हिस्सों में दिन में कई-कई बार बिजली की आंख-मिचौली चलती रहती है। इन क्षेत्रों के लोग हैरान-परेशान होकर डिस्कॉम या न्यूज से जुड़े ग्रुप्स में अपनी पीड़ा का इजहार करते हैं लेकिन सकारात्मक नतीजा नहीं मिल पा रहा है। डिस्कॉम के जिम्मेदारों से बात किए जाने पर उनका रटा-रटाया जवाब है कि गर्मी के कारण लोड एकदम से बढ़ गया है। लेकिन सवाल यह है कि गर्मियों में एयरकंडीशनर व कूलर-पंखों के कारण लोड बढऩा स्वाभाविक है, तब बढ़े हुए लोड के मद्देनजर समय रहते तैयारी क्यों नहीं की गई?
मेंटनेंस का क्या फायदा?
डिस्कॉम की तरफ से प्रत्येक गर्मी के सीजन से पहले जिला मुख्यालय के अलग-अलग क्षेत्रों में कई-कई घंटों की घोषित विद्युत कटौती मेंटनेंस के नाम पर की जाती है। जब लाइनों से लेकर सिस्टम से जुड़े पूरे तंत्र की मेंटनेंस की जाती है तब भी अघोषित कटौती और सिस्टम में फॉल्ट जैसी समस्या क्यों दूर नहीं हो रही? इसका जवाब जिम्मेदारों के पास नहीं है। अभी मानसून की कायदे से शुरुआत ही होना बाकी है। आने वाले जुलाई से सितम्बर के दौरान कई बार बारिश होगी, ऐसे में पहली बूंद के गिरते ही बिजली गुल जैसी समस्या से हजारों उपभोक्ताओं को निजात दिलाने के लिए डिस्कॉम क्या ठोस कदम उठा रहा है, इसका जवाब लोग मांग रहे हैं। पिछले दिनों के दौरान क्षेत्रीय विधायक रूपाराम धनदेव के अलग-अलग वार्डों में जनसम्पर्क के दौरान अधिकांश जगहों पर लोगों ने उनके सामने विद्युत तंत्र संबधी समस्याओं को प्रमुखता रखा है। जिसके जवाब में विधायक ने जल्द समाधान का भरोसा उन्हें दिलाया है।