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बिजली का छल : रातें अंधेरे में, व्यवधान से हाहाकार

जैसलमेर शहर में गुरुवार रात को एक इंच से थोड़ी ज्यादा बारिश होने की खुशी की कीमत शहर के हजारों विद्युत उपभोक्ताओं और उसके पांच गुना लोगों ने दम घुटाने वाली उमस में लगभग पूरी रात व आधा दिन बिना बिजली के गुजार कर चुकाई।

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जैसलमेर शहर में गुरुवार रात को एक इंच से थोड़ी ज्यादा बारिश होने की खुशी की कीमत शहर के हजारों विद्युत उपभोक्ताओं और उसके पांच गुना लोगों ने दम घुटाने वाली उमस में लगभग पूरी रात व आधा दिन बिना बिजली के गुजार कर चुकाई। पीडि़त शहरवासियों का दर्द है कि डिस्कॉम के जिम्मेदार न तो उपभोक्ताओं के फोन अटैंड किए और न ही डिस्कॉम ने अभी तक यह व्यवस्था बनाई है कि एक जिम्मेदारीपूर्ण मैसेज भेज दिया जाए कि, गायब हुई लाइट पुन: कब तक आएगी ? गुरुवार रात करीब साढ़े आठ बजे बारिश की पहली बूंद गिरने के साथ बिजली आपूर्ति बंद हुई जो आधे से ज्यादा शहर में मध्यरात्रि बाद करीब पौने एक बजे लौटी और फिर थोड़ी देर के लिए लाइट चली गई, जो करीब 15 मिनट में सुचारू हुई, तब भी लोगों ने राहत की सांस ली लेकिन शुक्रवार अल सुबह करीब साढ़े पांच बजे फिर से लाइट चली गई, जिसे लौटते-लौटते दोपहर के करीब 12 बज गए।

व्यवस्था में ही 'फॉल्ट'

कस्बे में गुरुवार व शुक्रवार को लगभग 11 घंटों तक बिजली कटौती की मुख्य वजह डेडानसर स्थित 33 केवी जीएसएस में फॉल्ट बताया गया। जीएसएस से शहर से जुड़े 40 फीडर निकलते हैं। इन सभी फीडर्स से जुड़े हजारों उपभोक्ताओं के घरों व प्रतिष्ठानों में अंधेरा छा गया।

  • जब डिस्कॉम की तरफ से आए दिन मेंटनेंस के नाम पर घोषित कटौतियां की जाती हैं तो बारिश आने पर लाइनों में फॉल्ट की समस्या कैसे सिर उठा लेती है? इसके अलावा फॉल्ट भी ऐसा कि, उसे दुरुस्त करने में घंटों का समय लग जाता है।
  • जिला मुख्यालय स्थित राजकीय जवाहिर चिकित्सालय में भी शुक्रवार दिन में एक घंटे से ज्यादा समय तक बिजली गुल रही, जिससे मरीजों के हाल बेहाल हो गए।-विद्युत आपूर्ति में व्यवधान के साथ डिस्कॉम के एकाध अभियंता को छोड़ कर शेष अभियंताओं के फोन बंद आते हैं।
  • डिस्कॉम के नए अधीक्षण अभियंता को गुरुवार को कार्यभार संभालने के साथ ही जब शहर में बार-बार विद्युत आपूर्ति में ट्रिपिंग की जानकारी मिली तो वे भी हैरान रह गए। जबकि शहरी उपभोक्ताओं के लिए तो अब यह समस्या आम हो चुकी है।

पेयजल पर संकट

कई घंटों की बिजली कटौती का सीधा असर शहर की जलापूर्ति व्यवस्था पर भी पड़ा है। गजरूपसागर फिल्टर हाऊस पर रात व दिन में दोपहर तक बिजली नहीं होने से संबंधित क्षेत्रों में जलापूर्ति नहीं की जा सकी। इस तरह से शहरवासियों के कोढ़ में खाज वाले हालात हो गए। लम्बी विद्युत कटौती से जिन घरों में इनवर्टर लगे हैं, उनकी बैटरी भी चूक गई और वे हवा व प्रकाश के अलावा मोबाइल चार्ज तक करने से वंचित रह गए। हजारों की संख्या में व्यावसायिक प्रतिष्ठानों सहित औद्योगिक क्षेत्रों में बीती रात से शुक्रवार आधे दिन तक कामकाज ठप हो गया।