scriptचांधन में भी स्थिति नहीं जुदा, यहां भी जलापूर्ति राम भरोसे | Even in Chandhan, the situation is not different, here too, water supp | Patrika News

चांधन में भी स्थिति नहीं जुदा, यहां भी जलापूर्ति राम भरोसे

locationजैसलमेरPublished: Sep 22, 2020 09:36:35 pm

Submitted by:

Deepak Vyas

-भू-जल के कारण जिले में कृृषि लाने वाला कस्बा ही तरस रहा पानी को

चांधन में भी स्थिति नहीं जुदा, यहां भी जलापूर्ति राम भरोसे

चांधन में भी स्थिति नहीं जुदा, यहां भी जलापूर्ति राम भरोसे

जैसलमेर/चांधन. मीठे और अथाह भू-जल के कारण जिले में कृषि क्रांति लाने वाला चांधन क्षे। आज भी पेयजल की समस्या से जूझ रहा है। कस्बे मे नहरी और भूमिगत जल से पेयजल आपूर्ति तो हो रही है, लेकिन कम दबाव और बिजली के कारण रोज ही कहीं न कहीं से समस्या आ ही जाती है। पानी की पाइप लाइन से बीच में पानी की आपूर्ति अधिक होने से कस्बे के दूर और ऊंचाई पर बसे मोहल्लों में पानी पूरा नहीं पहुंच पा रहा है। यही हाल ग्राम पंचायत चांधन के सगरा, करमों की ढाणी, सोजिया और कालरो की ढाणी के है। सगरा और करमा की ढाणी में एक-एक नलकूप है। पुराने हो चुके ये नलकूप आए दिन खराब होते रहते है । इनको सही करने मे भी विभाग सप्ताह भर का समय लगा देता है। ऐसे मे कई रोज तक इन गांवों की पेयजल आपूर्ति प्रभावित रहती है। सगरा गांव में ग्रामीण नलकूप पर चौबीस घंटे विद्युत आपूर्ति की मांग लम्बे समय से कर रहे है, लेकिन नलकूप पर बिजली पर्याप्त नहीं मिलने से पेयजल पूरा नहीं मिल पा रहा है !
यह है पेजयल की स्थिति
पंचायत की चनेसर की ढाणी मे पेयजल सात किलोमीटर दूर चांधन से आता है। पुरानी पाइप लाइन से आ रहे पानी में आए दिन यह समस्या आ रही है। पशु बाहुल्य इस गांव में लोग आज भी टैंकरों से पानी मंगा के पी रहे है। जिस जीएलआर मे पानी आता है वो भी आबादी से दूर है। भैरवा गांव के आस-पास नलकूपों की भरमार है, लेकिन इस गांव के लोगों को आज भी पानी के लिए भटकना पड़ता है। गांव मे आबादी बढ़ गयी लेकिन जीएलआर एक ही है। गांव के बाहर बनी इस जीएलआर से गृहणियां पानी सर पर उठा के ले जाती है। ग्रामीणों की मांग की है कि गांव के बीच मे जीएलआर बन जाए, तो उन्हें पानी आसानी से मिल सकता है।
सात दिन में नहीं मिल रहा पानी
हमारी ढाणी मे पानी लम्बी पाइप लाइन से आता है। कई बार लाइट खराब होने या नलकूप खराब होने से सात सात दिन पानी नहीं मिलता है। पशुओं को लेकर सोडाकोर तक जाना पड़ता है।
-ईदन खान, ग्रामीण
भैरवा गांव मे पानी होते हुए भी लोगो को पानी नहीं मिल पा रहा है। एक जीएलआर से गांव मे पानी पूरा नहीं मिल पा रहा है।
-ऊगाराम, ग्रामीण भेरवा

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