scriptतीन बारी पानी देने का किसानों ने किया विरोध, आंदोलन की चेतावनी | Farmers protest against giving water three times, warning of agitation | Patrika News

तीन बारी पानी देने का किसानों ने किया विरोध, आंदोलन की चेतावनी

locationजैसलमेरPublished: Sep 25, 2021 01:21:21 pm

Submitted by:

Deepak Vyas

– इगांनप जल वितरण परामर्शदात्री समिति की बैठक में जनप्रतिनिधियों व किसानों ने किया विरोध

तीन बारी पानी देने का किसानों ने किया विरोध, आंदोलन की चेतावनी

तीन बारी पानी देने का किसानों ने किया विरोध, आंदोलन की चेतावनी


जैसलमेर। इंदिरा गांधी नहर परियोजना क्षेत्र में साढ़े छह महीनों के अंतराल बाद आयोजित जल परामर्शदात्री समिति की बैठक में किसानों व जनप्रतिनिधियों ने सरकारी प्रतिनिधि की ओर से सिंचाई के लिए तीन बारी पानी दिए जाने के प्रस्ताव को पुरजोर ढंग से विरोध करते हुए आने वाले दिनों में जल आवंटन नहीं बढ़ाए जाने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी। इससे पहले आयोजित बैठक में आगामी वर्ष 22 मई तक के पानी का शेयर तय किया जाना था। शुक्रवार को आयोजित जल परामर्शदात्री समिति की बैठक में डैम में पानी की उपलब्धता के आधार पर रेगुलेशन का निर्णय लिया गया जिसका किसानों ने विरोध किया। तीन बारी पानी दिए जाने के मसले पर किसान और सरकारी प्रतिनिधि आमने सामने नजर आए। एसई विवेक गोयल ने कहा कि अगर बारिश होती है तो पानी की बारियों को और बढ़ाया जा सकता है लेकिन अभी ऐसी कोई स भावना नजर नहीं आती है। वहीं किसानों का कहना था कि तीन बारी में पीने का पानी बमुश्किल मिलेगी, फसल उगाना तो दूर की बात है। किसानों ने कम से कम पांच-छह बारी में पानी देना चाहिए। किसानों का आरोप है कि नहर विभाग द्वारा जैसलमेर के हिस्से का पानी अन्य जिलों को दिया जा रहा है। वही कटौती के वक्त भी जैसलमेर का अधिक पानी रोका जा रहा है। बैठक में जिला प्रमुख प्रतापङ्क्षसह सोलंकी, जिला परिषद सदस्य अंजना मेघवाल, हरीश धनदेव, अतिरिक्त कलक्टर, पुलिस उपअधीक्षक, सचिव विवेक गोयल, इगानप के अधिकारी आदि मौजूद थे।
किसानों ने सांकेतिक धरना दिया
इंदिरा गांधी नहर परियोजना जल वितरण परामर्शदात्री समिति की बैठक में तीन बारी पानी देने की बात पर विरोध करते हुए किसान प्रतिनिधियों ने सांकेतिक तौर पर धरना दिया। किसान नेता अचलाराम जाट ने कहा कि डैम में पानी का लेवल इस वक्त 1352 फीट है जबकि पूर्व के वर्षों में इससे कम पानी होने पर भी पांच से छह बारी में पानी मिल रहा था। लतीफ खां ने कहा कि नहरी पानी के मामले में जैसलमेर के साथ हमेशा दोयम दर्जे का व्यवहार होता है। हनुमानगढ़, गंगानगर, बीकानेर जिलों को कटौती से दूर रखा जाता है और सारा भार जैसलमेर पर डाल दिया जाता है। आगामी १० अक्टूबर से नहरी क्षेत्र में फसलों की बिजाई शुरू होगी, इससे पहले नहर महकमा और सरकार इस दिशा में सहानुभूतिपूर्वक विचार करे।
हक का पानी मिले
जिला प्रमुख प्रतापसिंह ने कहा कि जैसलमेर को उसके हक का पूरा पानी मिलना चाहिए। तीन बारी पानी से फसल नहीं पक सकती। इसके लिए कम से कम छह बारी पानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले कई सालों से अकाल पड़ रहा है और इस बार भी पर्याप्त बारिश नहीं हुई। हरीश धनदेव ने कहा कि नहर विभाग को गत दस साल में पानी संबंधी आंकड़े किसानों के साथ साझा करने चाहिए और सभी नहरी जिलों में पानी की कमी होने की वजह से बराबर कटौती करनी होगी। धनदेव ने कहा कि यह मामला विधायक के समक्ष रखेंगे और विधायक इसे सरकार के स्तर पर उठाएंगे।
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