जैसलमेर. विक्रम संवत 2074 की विदाई और नव सवंत्सर 2075 के अभिनव आगमन के साथ चैत्र सुदी प्रतिपदा को चैत्र नवरात्र महोत्सव का आगाज रविवार को श्रद्धा के साथ हो गया। इस मौके पर जिले के प्रसिद्ध देवी मंदिरों में देवी उपासना का दौर सूर्योदय के साथ शुरू हुआ, जो देर रात तक जारी रहा। नवरात्री पर्व के पहले दिन महिलाओं ने घरों के की सफाई कर आंगन और मुख्य दरवाजे पर रंगोलियां सजाई, वहीं रात्रि के समय घी के दीपक जलाकर वर्ष के
मंगल आगमन अभिनव रहने की प्रार्थना की। पोकरण कस्बे में देवी
मंदिर पुष्करणा बिस्सो की कुलदेवी मां आशापूर्णा, छंगाणियों की कुलदेवी संच्चियाय माता, व्यासों की कुलदेवी जाज्वला मैया, खत्री समाज की हिंगलाज माता, गांधी समाज की धरज्वल माता, प्रसिद्ध खींवज माता, कालका माता मंदिर, चारण समाज की कुलदेवी करणी माता मंदिर, कैलाश टैकरी स्थित देवी मंदिर सहित विभिन्न देवी मंदिरों में घट स्थापना के साथ नवरात्रा पर्व शुरू हुआ।
जैसलमेर शहर स्थित पन्नोधराय मंदिर में भी श्रद्धालुओं की रेलमपेल रही। जिले की काले डूंगरराय, भादरिया राय, तमड़ेराय, तनोट माता मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ रही। श्रद्धालुओं ने माता के दरबार में धोक लगाई और वैदिक रीति से पूज अर्चना कर मंगल प्रार्थना की। दिन के बाद देर रात को मंदिर में श्रद्धालुओं की रेलमपेल रहने से मंदिरों में रौनक रही।