scriptजैसलमेर में इस साल विदेशी पर्यटन का स्विच ऑफ ही रहेगा! | Foreign tourism will be switched off this year in Jaisalmer | Patrika News

जैसलमेर में इस साल विदेशी पर्यटन का स्विच ऑफ ही रहेगा!

locationजैसलमेरPublished: Sep 20, 2020 08:03:22 pm

Submitted by:

Deepak Vyas

जैसलमेर. वैश्विक महामारी कोरोना ने सबसे मारक चोट जैसलमेर पर्यटन पर की है। इस साल मध्य मार्च के बाद से पर्यटन क्षेत्र भयावह मंदी के दौर से गुजर रहा है। इसमें भी विदेशी पर्यटन पर तो मानो वज्रपात हो गया है।

जैसलमेर में इस साल विदेशी पर्यटन का स्विच ऑफ ही रहेगा!

जैसलमेर में इस साल विदेशी पर्यटन का स्विच ऑफ ही रहेगा!

जैसलमेर. वैश्विक महामारी कोरोना ने सबसे मारक चोट जैसलमेर पर्यटन पर की है। इस साल मध्य मार्च के बाद से पर्यटन क्षेत्र भयावह मंदी के दौर से गुजर रहा है। इसमें भी विदेशी पर्यटन पर तो मानो वज्रपात हो गया है। सात समंदर पार से प्रतिवर्ष एक लाख से ज्यादा सैलानी जैसलमेर आते रहे हैं, इस बार उनकी आवक पूरी तरह से ठप हो जाने और अगले साल भी उनके आगमन को लेकर किसी तरह की संभावना फिलहाल नहीं होने के चलते इस व्यवसाय से जुड़े हजारों लोगों की किस्मत पर ही एक तरह से ताले जड़ गए हैं। अब सबकी उम्मीदें ले देकर घरेलू पर्यटन पर है। जिसका भविष्य भी कम से कम निकट समय में तो उज्ज्वल नजर नहीं आ रहा।
टूटने लगी उम्मीद
थार मरुस्थलीय जैसलमेर के शांत-सुरम्य वातावरण तथा ऐतिहासिक व बेजोड़ स्थापत्य सौन्दर्य विगत चार दशकों से दुनिया भर के सैलानियों को आकर्षित करने में कामयाब रहा है। कभी चंद सौ से विदेशी पर्यटकों का आगमन जैसलमेर में शुरू हुआ और वह बढ़ते-बढ़ते हर साल लाख-सवा लाख की आमद तक पहुंच गया। दसियों बड़ी होटलों, रिसोट्र्स के अलावा दर्जनों मध्यम श्रेणी की होटलों तथा रेल से लेकर हवाई यातायात की उपलब्धता ने विदेशी पर्यटकों को खूब आकृष्ट किया। बीते मार्च माह में कोरोना की दस्तक ने सारा खेल बिगाड़ कर रख दिया है। मौजूदा समय में स्थिति यह है कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानें ही बंद है और वे कब पुन: शुरू होंगी, इसका कोई ठिकाना नहीं है। स्वास्थ्य को लेकर बेहद संवेदनशील विदेशी पर्यटक भारत में जब तक कोरोना की वैक्सीन सबकी पहुंच में नहीं होगी, तब तक यहां आने की शायद ही सोचे। यही वजह है कि विदेशी पर्यटन से जुड़े जैसलमेर के लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि, उनका भविष्य क्या होगा?
पहले संकट आए हैं मगर ऐसा नहीं
पर्यटन के जानकारों की मानें तो विदेशी पर्यटन पर विगत दशकों के दौरान कुछ सालों के अंतराल में संकट के बादल मंडराते रहे हैं। इससे उनकी आवक भी गिरी है, लेकिन कोरोना जैसा संकट कभी नहीं आया। जब विदेशियों की आवक एकदम ही ठप हो गई। मानो किसी ने स्विच बंद कर दिया है। पूर्व के दशकों में खाड़ी युद्ध, मंदिर-मस्जिद विवाद, प्लेग प्रसार और भारत-पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध आदि जैसे हालात बनते रहे हैं। जिनकी वजह से सीमित समय में विदेशियों की आवक प्रभावित हुई, लेकिन थोड़े समय अंतराल के बाद ही सब कुछ सामान्य हो गया। अबकी ऐसा नजर नहीं आ रहा। जानकारों के मुताबिक वर्ष 2021 में भी शुरुआती छह महीनों तक विदेशी पर्यटन के रफ्तार पकडऩे की गुंजाइश बेहद कम है। जैसलमेर की बड़ी होटलों में स्टाफ कम कर चौथाई कर दिया गया है तो कई जने होटलें बेचने पर विवश हैं। पर्यटन क्षेत्र में नया निवेश तो इस साल होने की संभावना नगण्य ही है।
अगस्त 2021 तक संभावना नहीं
जैसलमेर में विदेशी पर्यटन के पुरानी रंगत में लौटने की संभावना अगले साल अगस्त तक नहीं है। तब तक बड़े से छोटे सभी पर्यटन क्षेत्र के लोगों की आशा घरेलू सैलानियों पर टिक गई है।
– गजेन्द्र शर्मा, गाइड और होटल व्यवसायी
उद्योग को बहुत बड़ा झटका
कोरोना महामारी ने जैसलमेर पर्यटन उद्योग को अब तक का सबसे बड़ा धक्का पहुंचाया है। क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए जीवन यापन का संकट खड़ा हो गया है। वैक्सीन आने, अंतरराष्ट्रीय उड़ानें नियमित होने और वीजा सहित कई पॉलिसियां नए सिरे से तैयार होने में अगले साल अक्टूबर तक का भी समय लग सकता है।
– पृथ्वीपालसिंह रावलोत, ट्रेवल एजेंट
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