बंधा रहे हिम्मत
जैसलमेर में मुख्यत: फ्रांस, इटली, स्पेन, जर्मनी, इंग्लैंड आदि यूरोपियन देशों के अलावा अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा आदि से पर्यटक घूमने आते रहे हैं। दो साल से लगातार कोरोना की वजह से विदेशी पर्यटन पूरी तरह से ठप हो जाने की पीड़ा को महसूस करते हुए इन विदेशियों ने जैसलमेर स्थित अपने जानकार लोगों से मोबाइल कॉलए सोशल मीडिया प्लेटफार्म और इ.मेल सतत सम्पर्क बनाए रखा है। पर्यटन ठप होने के कारण कमजोर तबके के लोगों को विदेशी दोस्तों ने सहायता के तौर पर लगातार राशि भेजी है। साथ ही हिम्मत भी बंधाई है कि जल्द ही कोरोना महामारी के पूरी तरह से काबू में आ जाने के बाद वे फिर से भारत यात्रा पर आएंगे और जैसलमेर पहुंचेंगे। वे यह भी बताते हैं कि उनके जिन मित्रों ने अब तक जैसलमेर नहीं देखा है, उन्हें भी वे प्रेरित करेंगे। विदेशों से आने वाली राशि संबंधित लोगों तक पहुंचाने का काम एक पोर्टल के जरिए करने वाले पंकज गोपा ने बताया कि विदेशों से पिछले साल और इस बार कोरोना की दोनों लहरों में सहायता राशि भेजी गई है।
साझा करते हैं जानकारियां
जैसलमेर में अंग्रेजी सहित अन्य विदेशी भाषाओं में निष्णात गाइड्स के विदेशों में अनेक मित्र हैं। ये लोग निरंतर सम्पर्क में रहते हैं। अपने.अपने देशों के अलावा गृहनगरों के बारे में कोरोना की स्थितियों की जानकारियां आपस में साझा करते रहे हैं। इसके अलावा वैक्सीनेशन तथा कोरोना से बचाव के संबंध में भी विदेशी जानकार यहां के अपने मित्रों को सूचनाओं से अवगत करवाते हैं।
उदारता का दिया परिचय
विदेशों में बैठे भारत और विशेषकर जैसलमेर के चाहने वाले लोगों ने कई जनों को आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई है। उनकी सहायता पर्यटन क्षेत्र से जुड़े कई कमजोर आर्थिक सहायता वाले लोगों के बहुत काम आई है। कोरोना ने सर्वाधिक नुकसान पर्यटन का ही किया है।
-गजेन्द्र शर्मा, टूरिस्ट गाइड
सुख.दु:ख के साथी
जैसलमेर के प्रति कई विदेशी सैलानियों के लिद में प्यार है। कोरोना की आपदा में एक बार फिर उन्होंने इसका प्रदर्शन किया है। वे हमारे सुख.दु:ख में साथी साबित होते रहे हैं।
-संजय वासु, टूरिस्ट गाइड
दिल से मेहमानों का जुड़ाव
सात समंदर पार से पर्यटक स्वर्णनगरी से दिल से जुड़ाव रखते हैं। यही कारण है कि यह नगरी विश्वस्तरीय ख्याति अर्जित कर चुकी है। फिलहाल पर्यटन के लिहाज से दिन अच्छे दिन नहीं चल रहे हैं, लेकिन उम्मीद है कि पर्यटन उद्योग पर छाया अंधियारा शीघ्र दूर होगा।
-मेघराज परिहार, पर्यटन व्यवसायी