पोकरण में गोडावण का कुनबा, नजर आए 50 से अधिक गोडावण
Patrika news
जैसलमेर. लुप्त हो रहे राज्य पक्षी गोडावण की पोकरण के जंगल में विशेष महासभा आयोजित की गई। बैठक में जिले के सभी कुनबों से गोडावण को आमंत्रित किया गया। समय पर सभी गोडावण पहुंचे और अपने-अपने क्षेत्र में व्याप्त समस्याओं पर चर्चा कर विपरित परिस्थितियों में भी अपना अस्तित्व बचाए रखने के लिए अपना कुनबा बढ़ाने की चर्चा की। तभी तो एक साथ 50 से अधिक गोडावणों का कुनबा एक ही स्थान पर देखा गया। जानकारों की माने तो गोडावण का इतना बड़ा कुनबा एक साथ कभी नहीं देखा गया था। उन्होंने बताया कि एक ही स्थान पर 50 से अधिक दुर्लभ गोडावण नजर आने से यहां वन्यजीव विशेषज्ञों ने खुशी जताई है और उनके इस स्नेह-मिलन महासभा को गोडावण के जीवन के लिए महत्वपूर्ण बताया। विशेषज्ञों के अनुसार गोडावण ने अपनी भाषा में एक दूसरे से वार्ता कर अपनी पीड़ा जाहिर की और अपने अस्तित्व को बचाने के लिए अपने स्तर पर उपाय करने की बात करने के कयास लगाए जा रहे है।
IMAGE CREDIT: patrikaनजर आए 50 से अधिक गोडावण राज्य पक्षी गोडावण से जुड़ी एक खबर राहत देने वाली है। अब पोकरण क्षेत्र में लगातार गोडावण का कुनबा बढ़ता जा रहा है। वन विभाग वन्यजीव क्षेत्रीय वन अधिकारी पूरणसिंह राठौड़ ने बताया कि लुप्तप्राय होते गोडावण के संरक्षण को लेकर विभाग की ओर से हरसंभव प्रयास किए जा रहे है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में वन विभाग का सबसे बड़ा क्लोजर एरिया रामदेवरा में स्थित है। यहां गोडावण सहित वन्यजीवों के संरक्षण के लिए उनकी पसंदीदा हरी घास लगाई गई है। जगह-जगह पानी के लिए होदियों का निर्माण करवाया गया है। जिनमें हर समय पानी भरा रहता है। रात्रि के समय गोडावण सहित कई तरह के पक्षी व वन्यजीव यहां पानी पीते आते है। उनकी गणना व उनकी समय-समय पर मोनीटरिंग के लिए होदियों के पास सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए है, जिससे वन्यजीवों के सुरक्षित होने की जानकारी विभाग को मिलती रहती है। उन्होंने बताया कि खेतोलाई, आसकंद्रा, फिल्ड फायरिंग रेंज, छायण के पास नाथजी का टांका आदि वन्यक्षेत्रों में वन्यजीवों का शिकार न हो, इसके लिए भी वनपाल व वनरक्षकों की ओर से समय-समय पर गश्त की जाती है।
IMAGE CREDIT: patrikaएक साथ आए नजनर सोमवार को टीम के साथ क्षेत्र का भ्रमण किया। इस दौरान 50 से अधिक गोडावण देखे गए। जिनके दूर से फोटो भी लिए गए। उन्होंने बताया कि सोमवार को खेतोलाई में 15, नाथजी का टांका के पास आठ, फिल्ड फायरिंग रेंज के किनारे 15, रामदेवरा रेंज में चार तथा आसकंद्रा, भूराबाबा की गुफा व चांधन के पास सैन्य क्षेत्र में 10 गोडावण विचरण करते देखे गए। जिनके संरक्षण को लेकर हरसंभव प्रयास किए जा रहे है।