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JAISALMER CRIME NEWS- जेल में मोबाइल मिलने के मामले में चार गिरफ्तार!

locationजैसलमेरPublished: Apr 25, 2018 11:06:40 pm

Submitted by:

jitendra changani

-दो को मिली जमानत, तो दो को जेल भेजा -उपकारागृह में मोबाइल मिलने का मामला

Jaisalmer patrika

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चार आरोपितों को किया गिरफ्तार
पोकरण (जैसलमेर). स्थानीय उपकारागृह में तलाशी के दौरान मिले माबाईल के मामले का पुलिस ने एक माह में पर्दाफाश करते हुए चार आरोपितों को गिरफ्तार किया। गौरतलब है कि गत 25 मार्च को मुख्य जेल प्रहरी गेनाराम की ओर से उपकारागृह का निरीक्षण किया गया। इस दौरान महिला बेरिक शौचालय में एक मोबाईल बरामद हुआ। जिस पर पुलिस में मामला दर्ज करवाया गया था। मामले की जांच रामदेवरा थानाधिकारी अमरसिंह को सुपुर्द की गई। पुलिस ने मामले की जांच करते हुए मोबाईल खरीदने, सिमधारक व मोबाईल का उपयोग करने वाले चार आरोपितों को गिरफ्तार किया।
एक ने खरीदा मोबाइल, एक ने दी सिम
रामदेवरा थानाधिकारी अमरसिंह ने बताया कि मामले की तफ्तीश के दौरान जानकारी मिली कि मोबाइल पोकरण निवासी अनिल पुत्र शंकरलाल सुथार की ओर से खरीदा गया था। जिसे 23 अप्रेल को गिरफ्तार कर 24 अप्रेल को न्यायालय में पेश किया गया। जहां उसे जमानत पर रिहा किया गया। इसी प्रकार मोबाइल में उपयोग ली जा रही सिम कुण्डल फलोदी निवासी जगदीशसिंह पुत्र जसवंतसिंह के नाम से थी। जिसे मंगलवार को गिरफ्तार कर बुधवार को न्यायालय में पेश किया गया। जहां उसे जमानत पर रिहा किया गया।

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IMAGE CREDIT: patrika
दो जने करते थे मोबाईल का उपयोग
पुलिस के अनुसार उपकारागृह में मिले मोबाईल का दो विचाराधीन कैदियों की ओर से उपयोग किया जा रहा था। जेल में बंद दांतल निवासी रमेश पुत्र जोगाराम सुथार व कुण्डल निवासी भोमसिंह पुत्र जसवंतसिंह की ओर से मोबाईल का उपयोग कर लोगों से बातचीत की जा रही थी। जिस पर उन्हें मंगलवार को गिरफ्तार कर बुधवार को न्यायालय में पेश किया गया। जहां उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में रखने के आदेश दिए गए।
जेल में कैसे पहुंचा मोबाईल, जांच का विषय
गौरतलब है कि पोकरण में स्थित उपकारागृह में करीब डेढ़ दर्जन बंदी विचाराधीन है। यहां सुरक्षा के भी पुख्ता प्रबंध किए गए है। जेल प्रहरियों के साथ होमगार्ड के जवान भी तैनात रहते है। ऐसे में कड़ी सुरक्षा के बीच मोबाईल जेल में कैसे पहुंचा, यह अभी तक जांच का विषय है। हालांकि पुलिस की ओर से विभिन्न पहलुओं पर जांच की जा रही है, लेकिन मोबाईल कैदियों तक पहुंचाने के आरोपित का अभी तक सुराग नहीं लग पाया है।

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