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नगरपरिषद ने समय पर बिल नहीं दिए, अब पानी के चार करोड़ बकाया

locationजैसलमेरPublished: Sep 23, 2019 05:53:14 pm

Submitted by:

Deepak Vyas

जैसलमेर. शहरी क्षेत्र के जल उपभोक्ताओं पर बकाया चार करोड़ रुपए तक हो गया है। नगरपरिषद की ओर से संभाली जा रही जलापूर्ति व्यवस्था के अन्य कई दोषों में एक खामी समय पर उपभोक्ताओं को बिल जारी नहीं करना भी रहा है। अब शहरी जल उपभोक्ताओं को 20 महीनों के पानी के बिल एक साथ जारी कर दिए हैं।

Four crore rupees owed to water consumers in jaisalmer

नगरपरिषद ने समय पर बिल नहीं दिए, अब पानी के चार करोड़ बकाया

जैसलमेर. शहरी क्षेत्र के जल उपभोक्ताओं पर बकाया चार करोड़ रुपए तक हो गया है। नगरपरिषद की ओर से संभाली जा रही जलापूर्ति व्यवस्था के अन्य कई दोषों में एक खामी समय पर उपभोक्ताओं को बिल जारी नहीं करना भी रहा है। अब शहरी जल उपभोक्ताओं को 20 महीनों के पानी के बिल एक साथ जारी कर दिए हैं। इसके तहत न्यूनतम 1636 रुपए और अधिकतम 10 से 15 हजार रुपए के बिल घरेलू और व्यावसायिक कनेक्शनों तक के लिए जारी किए गए हैं। इतनी बड़ी राशि के पानी के बिलों को देखकर उपभोक्ता हैरान-परेशान हैं। समय पर बिल जारी करने में नगरपरिषद का जलदाय से जुड़ा अमला विफल साबित हुआ।
अब यह है स्थिति
जानकारी के अनुसार जैसलमेर शहरी क्षेत्र में करीब 11 हजार 100 जल उपभोक्ता हैं, जिनमें औद्योगिक और व्यावसायिक तथा सरकारी उपभोक्ताओं की संख्या 500 से भी कम बताई जाती हैं। शेष घरेलू उपभोक्ता हैं। इन उपभोक्ताओं को विभाग की ओर से हाल में बांटे गए जल शुल्क के बिलों की राशि हजारों में आ जाने से लोगों के होश फाख्ता हैं। दरअसल, बीच के महीनों में विभाग तथा बिल बनाने वाले ठेकेदार के बीच बकाया भुगतान को लेकर ठन गई तथा ठेकेदार ने काम करने से इनकार कर दिया। नए टेंडर जारी करने पर भी बात नहीं बनी। बड़ी मुश्किल से पुराने ठेकेदार को मनाकर बिल बनवाकर उनका वितरण करवाया गया है। इस सारी प्रक्रिया में घरेलू कनेक्शनों में २० माह और बाकी में करीब 6 महीनों का समय बीत गया। अब सारा शुल्क जोडक़र बिल बनाए गए हैं तब यह राशि करोड़ों में पहुंच गई। करीब दो करोड़ रुपए के बिल तो हाल में बना कर उपभोक्ताओं को दिए गए हैं।
बिल माफ करना परिषद का अधिकार
जानकारी के अनुसार राज्य सरकार ने जल शुल्क माफ करने का निर्णय पिछले महीनों लिया था, उसे लेकर यहां के उपभोक्ताओं में असमंजस के हालात हैं। बताया जाता है कि जैसलमेर में चूंकि जलापूर्ति व्यवस्था स्थानीय निकाय के जिम्मे है, इसलिए यहां जल शुल्क माफ करना उसके अधिकार क्षेत्र में आता है। अगर नगरपरिषद बोर्ड चाहे तो बैठक बुलाकर इस संबंध में प्रस्ताव पारित कर सकता है। यहां यह भी जानकारी मिली है कि लम्बे समय तक बिल जारी नहीं किए जाने के लिए नगरपरिषद आयुक्त को स्वायत्त शासन विभाग की ओर से कई नोटिस दिए जा चुके हैं। आयुक्त ने आगे ऐसे नोटिस सहायक अभियंता को दिए।
तब और अब ..
जैसलमेर शहरी क्षेत्र की जलापूर्ति व्यवस्था जब जलदाय महकमे के पास थी, तब दो महीनों के अंतराल में नियमित रूप से पानी के बिल जारी हुआ करते थे। अमूमन 56 या 62 रुपए के ऐसे बिल उपभोक्ता भी समयबद्ध तौर पर जमा करवाते थे। पिछले वर्षों से जल कनेक्शनों पर शुल्क में बढ़ोतरी की गई है और समय पर बिल नहीं दिए जाने से बिल की राशि हजारों में आ गई है।
फैक्ट फाइल –
– 11 हजार से ज्यादा जल उपभोक्ता
– 04 करोड़ चल रहे बकाया
– 20 माह के बिल एक साथ दिए गए

बिल जमा नहीं तो काटेंगे कनेक्शन
लम्बे अर्से बाद जल शुल्क के बिल शहर में वितरित किए गए हैं। राजस्व वसूली के लिए विभाग पूर्णतया प्रयासरत है। आने वाले दिनों में जो उपभोक्ता बिल राशि अदा नहीं करेंगे, उनके जल संबंध विच्छेद करने की कार्रवाई करवाई जाएगी।
– देवीलाल भील, सहायक अभियंता, जलदाय, नगरपरिषद, जैसलमेर

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